अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की को एक गुप्त कॉल के दौरान रूस के भीतर हमलों को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने सीधे तौर पर ज़ेलेंस्की से यह सवाल किया, "वोलोदिमीर, क्या आप मॉस्को को निशाना बना सकते हैं? क्या आप सेंट पीटर्सबर्ग भी हिट कर सकते हैं?" यह संवाद 4 जुलाई को हुआ था, जब ट्रम्प और ज़ेलेंस्की के बीच एक तनावपूर्ण बातचीत हुई थी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ेलेंस्की ने जवाब दिया, "बिलकुल. अगर आप हमें सही हथियार दें, तो हम इसे कर सकते हैं." इस बात से यह स्पष्ट होता है कि यूक्रेन अपने सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अमेरिका से और अधिक समर्थन की उम्मीद कर रहा है.
ट्रंप और पुतिन के बीच तनाव
यह गुप्त संवाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ट्रंप की एक दिन पहले की बातचीत के बाद हुआ, जिसे ट्रम्प ने "खराब" बताया था. अमेरिकी राष्ट्रपति की इस बात से यह जाहिर होता है कि यूक्रेन को लेकर रूस की नाकामयाबी और संवाद की अनुपस्थिति से व्हाइट हाउस में असंतोष बढ़ रहा है. ट्रम्प के अनुसार, पुतिन ने अब तक अमेरिकी प्रस्तावित युद्धविराम वार्ता में कोई रुचि नहीं दिखाई है, और यही कारण है कि ट्रम्प ने ज़ेलेंस्की को सीधे तौर पर रूस पर हमले के लिए प्रेरित किया.
यह बातचीत ट्रंप की पूर्व की नीति से एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती है, जब उन्होंने चुनावी अभियान के दौरान अमेरिकी सैनिकों को विदेशी युद्धों में फंसाने से बचने का वादा किया था. अब वे रूस को हराने के लिए और अधिक आक्रामक कदम उठाने के लिए तैयार दिख रहे हैं, जो उनकी पुराने विचारधारा से विपरीत है.
अमेरिकी समर्थन का बदलता रुख
यह संवाद अमेरिका द्वारा यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों की आपूर्ति करने के लिए एक नई दिशा की ओर संकेत करता है. सूत्रों के मुताबिक, ट्रम्प ने ज़ेलेंस्की से यह कहा कि रूस को "पीड़ा महसूस कराना" आवश्यक है ताकि क्रेमलिन को वार्ता के लिए मजबूर किया जा सके. हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि क्या अमेरिका सचमुच यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियार देगा, लेकिन एक पश्चिमी अधिकारी ने बताया कि यह बातचीत यूक्रेन के पश्चिमी समर्थकों के बीच बढ़ते आक्रामक रुख को दर्शाती है.
इस अधिकारी के अनुसार, यह भावना धीरे-धीरे अमेरिकी नीति निर्माताओं के बीच भी फैल रही है, जो रूस पर अधिक आक्रामक हमलों के पक्ष में हैं. यह परिवर्तन यूक्रेनी समर्थकों के बीच रूस के खिलाफ कठोर कदम उठाने की मानसिकता को बढ़ावा दे रहा है, ताकि युद्ध को सीधे तौर पर मॉस्को तक लाया जा सके.
ट्रंप का रूस के खिलाफ नया कदम
सोमवार को ट्रंप ने यूक्रेन को नए हथियार देने की घोषणा की और रूस के खिलाफ एक नई रणनीति की शुरुआत की. ट्रम्प ने चेतावनी दी कि यदि रूस 50 दिनों के भीतर शांति समझौता नहीं करता, तो रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर अमेरिका सख्त प्रतिबंध लगाएगा. यह एक बड़ा बदलाव है, जो रूस के साथ चल रही निरंतर असहमति और पश्चिमी देशों के दबाव का परिणाम है.
व्हाइट हाउस में नाटो महासचिव मार्क रूटे के साथ बैठकर ट्रम्प ने कहा कि वे रूस के राष्ट्रपति पुतिन से निराश हैं. ट्रम्प ने कहा, "मेरी बातचीत उनसे बहुत सुखद होती है, और फिर रात में मिसाइलें दागी जाती हैं." उनका कहना था कि पुतिन ने हमेशा शांति समझौतों से मुंह मोड़ा है और कई बार समझौतों से पीछे हटे हैं.
यूक्रेन को मिलेंगे नई हथियारों की खेप
ट्रंप ने यह भी कहा कि यूक्रेन को अगले कुछ दिनों में कई प्रमुख हथियारों की खेप मिलेगी, जिसमें पैट्रिएट एयर डिफेंस मिसाइल शामिल हैं, जिन्हें यूक्रेन ने रूस के हवाई हमलों से बचाव के लिए बहुत आवश्यक माना था. ट्रम्प ने कहा, "यह एक पूरी बैटरी होगी, जिसमें सभी जरूरी उपकरण होंगे."
इसके अलावा, ट्रंप ने यह भी कहा कि नाटो के सदस्य देशों से कुछ पैट्रिएट बैटरियों को यूक्रेन को दिया जाएगा, और कुछ देशों की तरफ से 17 पैट्रिएट बैटरियों को जल्द ही यूक्रेन भेजा जा सकता है.
रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंधों का खतरा
ट्रंप का यह बयान रूस पर लागू किए जाने वाले दूसरे स्तर के प्रतिबंधों का संकेत भी देता है. अगर ये प्रतिबंध लागू किए गए तो यह पश्चिमी नीति में एक बड़ा बदलाव होगा. अमेरिकी कांग्रेसी दोनों प्रमुख पार्टियों के सांसद इस बिल को मंजूरी देने के लिए दबाव बना रहे हैं, जो उन देशों को लक्षित करेगा जो रूस का तेल खरीद रहे हैं.
अब तक, पश्चिमी देशों ने रूस से अपने वित्तीय संबंधों को कम किया है, लेकिन रूस के तेल व्यापार को रोकने के लिए कदम नहीं उठाए हैं. रूस के साथ व्यापार संबंधों का यह स्थिति रूस को चीन और भारत जैसे देशों से भारी मात्रा में तेल निर्यात करने में मदद कर रही है, जिससे उसे सौ अरबों डॉलर की कमाई हो रही है.