'भारत अमेरिका का सबसे बेहतरीन सहयोगी लेकिन ट्रंप इस वक्त केवल...', एस जयशंकर से मुलाकात के बाद बोले अमेरिकी सचिव

अमेरिकी ऊर्जा विभाग के सचिव क्रिस राइट ने भारत के साथ ऊर्जा और व्यापार सहयोग को लेकर सकारात्मक संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं.

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Kuldeep Sharma

अमेरिका और भारत के बीच ऊर्जा और व्यापार सहयोग को नई दिशा देने की संभावनाएं बढ़ रही हैं. अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने अपने भारतीय समकक्ष से मुलाकात पर कहा कि दोनों देशों के बीच संवाद शुरू हो चुका है और भविष्य में संबंध और गहरे होंगे. उन्होंने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक रचनात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

क्रिस राइट ने कहा कि उन्होंने भारत के विदेश मंत्री से उद्घाटन समारोह के दौरान मुलाकात की और भविष्य की साझेदारी पर बातचीत शुरू की. उनके अनुसार ऊर्जा और व्यापार ही नहीं, बल्कि नई तकनीकों और रणनीतिक क्षेत्रों में भी भारत और अमेरिका के बीच सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं. उन्होंने साफ कहा, 'मैं ऊर्जा और व्यापार सहयोग को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं और इसमें उज्ज्वल भविष्य देखता हूं.'

यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप प्रशासन का रुख

यूक्रेन संकट पर बोलते हुए राइट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप इस युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करना चाहते हैं. उनका मानना है कि यह संघर्ष न केवल मानवता के लिए संकट है, बल्कि यह वैश्विक सहयोग में भी रुकावट पैदा कर रहा है. राइट ने कहा कि अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ मिलकर युद्ध खत्म करने के लिए 'सबसे रचनात्मक रास्ते' तलाश रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध का अंत होने से एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय तनाव स्रोत भी समाप्त होगा.

रूस की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय दबाव

राइट ने रूस की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि शांति स्थापित करने की कोशिश जटिल है. लेकिन अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का प्रयास यही है कि रूस पर ऐसा दबाव बनाया जाए जिससे युद्ध समाप्त हो. उन्होंने स्वीकार किया कि यह आसान नहीं है, लेकिन वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए जरूरी कदम है.

भविष्य की संभावनाएं

भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा साझेदारी पर बल देते हुए राइट ने कहा कि दोनों देशों की प्राथमिकता स्वच्छ ऊर्जा, तकनीकी विकास और व्यापार विस्तार है. उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका साझेदारी न केवल द्विपक्षीय हितों को मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा में भी अहम योगदान देगी.