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Iran UN Sanctions: संयुक्त राष्ट्र ने फिर लगाया ईरान पर प्रतिबंध, रूस और चीन की बचाव कोशिश नाकाम

Iran UN Sanctions: युक्त राष्ट्र की ओर से लगभग एक दशक बाद फिर से ईरान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिससे ईरान की मुश्किलें बढ़ सकती है. प्रतिबंध लगते ही ईरान की मुद्रा रियाल में भारी गिरावट देखी गई. हालांकि इसे रोकने के लिए रूस ने भी पूरी कोशिश की थी लेकिन इसे रोका नहीं जा सका.

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Edited By: Shanu Sharma
Iran UN Sanctions
Courtesy: X (@UN_News_Centre)

Iran UN Sanctions: संयुक्त राष्ट्र की ओर से शनिवार को ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते के उल्लंघन के आरोप में फिर से प्रतिबंध लगा दिए. ई3 (ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी) ने 30 दिन पहले ‘स्नैपबैक’ प्रक्रिया शुरू की थी. इन देशों का दावा है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने से रोकने वाले समझौते का पालन नहीं कर रहा. हालांकि, ईरान ने खुद पर लगे इन आरोपों को पूरी तरह से इनकार कर दिया है. 

तेहरान ने यूएन द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों के जवाब में कड़ा रुख अपनाया है. ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने स्थिति को हल्का करने की कोशिश करते हुए कहा कि ऐसा नहीं कि आसमान गिर रहा है. फिर भी, ईरान ने ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी से अपने राजदूतों को परामर्श के लिए वापस बुलाने का फैसला किया है. ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने ई3 देशों पर कूटनीति को खुला रखने के प्रस्तावों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.

ईरान की बढ़ जाएंगी मुश्किलें

ईरान की अर्थव्यवस्था पर पहले से ही संकट का बादल छाया हुआ है. 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा परमाणु समझौते से हटने के बाद अमेरिका ने कड़े प्रतिबंध लगाए थे. अब इन नए प्रतिबंधों की आशंका से ईरान की मुद्रा रियाल शनिवार को 1,123,000 प्रति अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई. ये प्रतिबंध हथियार, यूरेनियम संवर्धन, बैलिस्टिक मिसाइल गतिविधियों और कई ईरानी व्यक्तियों की संपत्ति जब्त करने से जुड़े हैं. नए प्रतिबंधों के मुताबिक हथियारों पर रोक, यूरेनियम संवर्धन और पुनर्प्रसंस्करण पर पाबंदी, बैलिस्टिक मिसाइल गतिविधियों पर प्रतिबंध है. इसके अलावा कई ईरानी व्यक्तियों पर यात्रा प्रतिबंध भी लगाया गगया हैं. दुनिया भर के देशों को प्रतिबंधित सामग्री जब्त करने का अधिकार होगा. ईरान को परमाणु सामग्री और तकनीक से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियों से भी रोका जाएगा.

यूरोपीय देशों की भी कोशिश नाकाम 

यूरोपीय देशों ने तनाव कम करने के लिए प्रतिबंधों को छह महीने तक स्थगित करने की पेशकश कर रहा था. वहीं इसके लिए ईरान को संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निरीक्षकों को जांच की अनुमति देनी थी. साथ ही यूरेनियम से जुड़ी चिंताओं का समाधान करना था. लेकिन ईरान की ओर से इन शर्तों को नहीं माना गया. वहीं विदेश मंत्री अराक्ची ने यूरोपीय देशों पर बातचीत को विफल करने का आरोप लगाया. मध्य पूर्व में तनाव पहले से ही चरम पर है. हाल ही में इजराइल और अमेरिका ने ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इन प्रतिबंधों को 'गैरकानूनी' बताया और संयुक्त राष्ट्र महासचिव को इसे मान्यता न देने की चेतावनी दी. हालांकि आने वाले समय में पता चलेगा कि इन प्रतिबंधों का ईरान पर क्या असर पड़ा है.