तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने काला सागर में 75 अरब क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस के नए भंडार की खोज की घोषणा की है. इस खोज को तुर्की की ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. एर्दोगन ने कहा, "इस मात्रा के साथ, हम लगभग 3.5 वर्षों तक केवल आवासीय मांग को पूरा कर सकेंगे." इस भंडार का आर्थिक मूल्य लगभग 30 अरब डॉलर आंका गया है, जो तुर्की की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा.
2020 में भी की थी ऐसी खोज
यह गैस भंडार गोक्तेपे-3 कुएं में खोजा गया है, जिसे तुर्की के ड्रिलिंग प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है. तुर्की ने पहले भी 2020 में काला सागर में 320 अरब क्यूबिक मीटर गैस भंडार की खोज की थी, जिसे उस समय वैश्विक स्तर पर वर्ष का सबसे बड़ा गैस भंडार बताया गया था. एर्दोगन ने जोर देकर कहा कि तुर्की ऊर्जा के मामले में निर्यातक देश बनने तक तेल और गैस की खोज जारी रखेगा. इस नई खोज से देश के चालू खाता घाटे को कम करने और ऊर्जा आयात पर निर्भरता घटाने में मदद मिलेगी.
आर्थिक और रणनीतिक महत्व
यह खोज तुर्की के लिए आर्थिक और रणनीतिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह भंडार तुर्की की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाएगा और क्षेत्रीय प्रभाव को मजबूत करेगा. गैस उत्पादन शुरू होने पर तुर्की घरेलू मांग को पूरा करने के साथ-साथ निर्यात की संभावनाएं भी तलाश सकता है. इस खोज से तुर्की की स्थिति वैश्विक ऊर्जा बाजार में और सुदृढ़ होगी.
भविष्य की योजनाएं
एर्दोगन ने कहा कि तुर्की अपनी ड्रिलिंग गतिविधियों को और तेज करेगा ताकि ऊर्जा संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो सके. इस खोज से तुर्की की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलने की उम्मीद है, खासकर ऐसे समय में जब देश महंगाई और आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है.