आसमान में उड़ेगा 'भारत का अर्जुन', 17 अक्टूबर को तेजस Mk1A की पहली उड़ान से बदलेगी वायुशक्ति की परिभाषा
17 अक्टूबर 2025 को नाशिक से उड़ान भरने जा रहा HAL का तेजस Mk1A भारत की रक्षा और एयरोस्पेस तकनीक में आत्मनिर्भरता का ऐतिहासिक अध्याय लिखेगा.
Tejas Mk1A set for maiden flight: हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) भारत की रक्षा निर्माण यात्रा में एक और बड़ा कदम रखने जा रहा है. नाशिक स्थित संयंत्र से तेजस Mk1A की पहली उड़ान 17 अक्टूबर को प्रस्तावित है. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद रहेंगे और HAL की अत्याधुनिक निर्माण क्षमता का निरीक्षण करेंगे.
यह घटना सिर्फ एक विमान परीक्षण नहीं, बल्कि भारत की 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' नीति की दिशा में एक निर्णायक उपलब्धि मानी जा रही है.
अत्याधुनिक तकनीक से लैस 'आसमान का अर्जुन'
तेजस Mk1A अपने पहले संस्करण से कई गुना ज्यादा आधुनिक और सक्षम है. इसमें Active Electronically Scanned Array (AESA) रडार लगाया गया है जो एक साथ कई लक्ष्यों पर नजर रख सकता है. इसके साथ ही उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम, सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, और पैसिव सेंसर विमान को जंग के हर मोर्चे पर तैयार रखते हैं.
ग्लास कॉकपिट, हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले और HOTAS नियंत्रण जैसी विशेषताएं इसे एक आधुनिक, पायलट-केंद्रित युद्धक विमान बनाती हैं. इसका डिजाइन रडार क्रॉस सेक्शन को कम करता है, जिससे दुश्मन के लिए इसे पकड़ना मुश्किल होता है.
शक्ति और प्रदर्शन का संगम
GE F404-IN20 इंजन से संचालित तेजस Mk1A मैक 1.8 की गति तक उड़ान भर सकता है. इसका कॉम्बैट रेडियस 500 किमी से अधिक और फेरी रेंज लगभग 1,700 किमी है. यह विमान हवाई वर्चस्व, ग्राउंड अटैक, टोही और समुद्री अभियानों में सक्षम है.
यह स्वदेशी और विदेशी दोनों प्रकार के हथियार ले सकता है, जिनमें Astra BVR मिसाइल और प्रिसिजन गाइडेड बम शामिल हैं. भविष्य में इसमें ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के एकीकरण की भी योजना है, जिससे इसे लंबी दूरी की मारक क्षमता मिलेगी.
'मेक इन इंडिया' मिशन को नई रफ्तार
2021 में 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत HAL को 83 तेजस Mk1A विमानों की आपूर्ति करनी है, जिनमें 73 सिंगल सीट फाइटर और 10 ट्रेनर शामिल हैं. इंजन की कमी से हुए विलंब को अब दूर कर लिया गया है और HAL ने उत्पादन गति बढ़ा दी है. अगस्त 2025 तक 11 सिंगल सीट और 9 ट्रेनर विमान तैयार किए जा चुके हैं. दिसंबर तक 12 विमानों की डिलीवरी की योजना है.
यह भारत का सबसे बड़ा स्वदेशी रक्षा कार्यक्रम है, जो भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता, नेटवर्क-सेंट्रिक ऑपरेशन और त्वरित प्रतिक्रिया की शक्ति को बढ़ाएगा.
भविष्य के विमानों की नींव
तेजस Mk1A केवल एक विमान नहीं, बल्कि भविष्य के उन्नत प्रोजेक्ट्स- तेजस Mk2 और पांचवीं पीढ़ी के Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) की आधारशिला है. इस उड़ान की सफलता से भारत की रक्षा तकनीक में वैश्विक पहचान और विदेशी बाजारों में विश्वसनीयता बढ़ेगी. विशेषज्ञ इसे 'आसमान का अर्जुन' कह रहे हैं, एक ऐसा योद्धा जो न सिर्फ भारत की सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि देश की तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी बनेगा.
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