Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और उत्पीड़न पर मौजूदा अंतरिम सरकार और इसके प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यूनुस ने हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर सुनियोजित तरीके से नरसंहार करवाया. यह भाषण उनके द्वारा भारत में शरण लेने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से दिया गया.
अपने संबोधन में शेख हसीना ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अल्पसंख्यकों को संरक्षण देने में पूरी तरह असफलता दिखाई है. उन्होंने कहा, "आज मुझे नरसंहार का आरोपित कहा जा रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि नरसंहार को अंजाम देने में मुहम्मद यूनुस और उनके सहयोगी मुख्य रूप से शामिल हैं."
उन्होंने यह भी बताया कि हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. उनके मुताबिक, 11 चर्च नष्ट कर दिए गए, मंदिरों और बौद्ध मठों को तोड़फोड़ का शिकार बनाया गया. इस्कॉन मंदिर के एक नेता को केवल इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उन्होंने इन घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाई.
शेख हसीना ने इस बात का भी खुलासा किया कि उन्हें और उनकी बहन शेख रेहाना को जान से मारने की साजिश रची गई थी. उन्होंने अपने पिता, शेख मुजीबुर रहमान की 1975 में हुई हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि इसी तरह का षड्यंत्र उनके खिलाफ भी चल रहा है.
उन्होंने कहा, "गनाभवन पर सशस्त्र प्रदर्शनकारियों का हमला महज 25-30 मिनट की दूरी पर था. मैंने सुरक्षाकर्मियों से कहा कि किसी भी हालत में गोली न चलाएं."
यह घटना 5 अगस्त की है, जब उन्होंने हिंसा को रोकने के लिए बांग्लादेश छोड़ने का निर्णय लिया.
बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हमले से भारत भी चिंतित है. भारत ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा,
"हम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के प्रति अंतरिम सरकार से उनकी जिम्मेदारी निभाने की उम्मीद करते हैं. हिंसा और उग्रवादी बयानबाजी के बढ़ते मामलों को हल्के में नहीं लिया जा सकता."
शेख हसीना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रति लगातार बढ़ती हिंसा पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि अल्पसंख्यकों के साथ यह निर्दयता क्यों हो रही है? उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा सरकार न्याय प्रदान करने में असमर्थ है.