S Jaishankar: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पुनः सत्ता में आने के बाद, अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों के खिलाफ निर्वासन की प्रक्रिया तेज हो गई है. इस बीच, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अवैध तरीके से विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों की "वैध वापसी" का समर्थन करता है.
जयशंकर ने कहा कि भारत का रुख इस मामले में हमेशा से ही "स्थिर" और "सिद्धांतपूर्ण" रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई भारतीय नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा है और उसकी नागरिकता की पुष्टि हो जाती है, तो उसे भारत वापस भेजने में कोई आपत्ति नहीं है.
जयशंकर ने यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात के दौरान दिया. उन्होंने बताया कि भारत की नीति यह रही है कि यदि कोई भारतीय नागरिक अवैध रूप से विदेश में रह रहा है, और हम यह सुनिश्चित कर पाते हैं कि वह भारतीय नागरिक है, तो उसकी वापसी को लेकर भारत हमेशा तैयार है. यह स्थिति सिर्फ अमेरिका तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सभी देशों के साथ भारत का सामान्य रुख है.
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत कानूनी मोबिलिटी का पूरी तरह से समर्थन करता है, क्योंकि भारतीय कौशल और प्रतिभा को वैश्विक स्तर पर अवसर मिलना चाहिए. साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अवैध प्रवासन के खिलाफ है. क्योंकि इससे जुड़ी अन्य अवैध गतिविधियां समाज के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं.
विदेश मंत्री ने अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ अपनी बैठक में वीजा प्रक्रिया में लंबी देरी को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी वीजा प्राप्त करने में 400 दिन का समय लग रहा है, तो यह भारत-अमेरिका संबंधों के लिए फायदेमंद नहीं है. जयशंकर ने यह बात स्वीकार की कि वीजा प्रक्रिया एक स्वायत्त प्रक्रिया है, लेकिन भारत और अमेरिका के बीच कानूनी और लाभकारी मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए इसे सुगम बनाना दोनों देशों के हित में होगा.
एस. जयशंकर के बयान से यह स्पष्ट हो गया कि भारत अवैध प्रवास के खिलाफ है, लेकिन वह हमेशा भारतीय नागरिकों की वैध वापसी को स्वीकार करेगा. साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच कानूनी मोबिलिटी और वीजा प्रक्रिया को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने की आवश्यकता है, ताकि दोनों देशों के रिश्ते और अधिक मजबूत हो सकें.