रूस और यूक्रेन युद्ध में अमेरिका की जीत! जानें कैसे डोनाल्ड ट्रंप ने आपदा को बनाया 'अवसर'?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अक्सर ये दावा किया है कि उन्होंने अलग-अलग देशों में हो रहे युद्धों को रूकवाने की कोशिश की है. खास कर उन्होंने यह दावा रूस और यूक्रेन के बीच हो रहे जंग को लेकर किया है. हालांकि इसी बीच उन्होंने उन देशों को लड़ने के लिए अमेरिकी हथियार भी भारी मात्रा में बेचें हैं. इन अमेरिका हथियारों को एक्सपोर्ट से अमेरिका को काफी लाभ हुआ है.
US Profit Through Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले तीन साल से भी ज्यादा समय से युद्ध जारी है. इस लड़ाई में दोनों देशों का भारी नुकसान हुआ है. दोनों देशों के हजारों सैनिक मारे गए, यूक्रेन का बुनियादी ढांचा इस युद्ध की वजह से पूरी तरह बदल चुका है. हालांकि अक्सर कहा जाता है कि दो की लड़ाई में तीसरे का फायदा होता है. ऐसा इस युद्ध में भी देखने को मिला.
रूस ने जंग के बीच अपने क्रूड ऑयल के दाम कम कर दिए, जिसका लाभ भारत और चीन समेत अन्य देशों ने भी उठाया है. हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सबसे बड़े शांति वाहक बनते हुए भारत पर इसलिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया क्योंकि उनका तर्क था कि भारत द्वारा खरीदे जा रहे तेल से रूस हथियार खरीद रहा है और उससे यूक्रेन के मासूमों पर हमला कर रहा है. हालांकि कुछ रिपोर्ट का कहना है कि इस युद्ध से सबसे ज्यादा फायदा अमेरिका ने उठाया है.
अमेरिकी हथियारों की बिक्री में भारी वृद्धि
अमेरिका के हथियार बेचने वाली कंपनियों ने युद्ध के समय सबसे ज्यादा टैंक, मिसाइलें और फाइटर जेट्स यूक्रेन को बेचा है. जिससे इन कंपनियों को काफी लाभ हुआ है. SIPRI के रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका दुनिया भर में 2014-19 में 35 प्रतिशत हथियार एक्सपोर्ट करता था, वहीं 2020-24 में यह बढ़कर 43 प्रतिशत तक पहुंच गया. जिसका मतलब है कि दुनिया में हथियार एक्सपोर्ट करने के क्षेत्र में अमेरिका की 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. अमेरिका दुनिया के लगभग 100 देशों में अपना हथियार बेचता है. लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा हथियार यूक्रेन को बेचे गए. वहीं यूरेशियन टाइम्स के रिपोर्ट की मानें तो भारत और चीन की बचत अमेरिकी सैन्य उद्योगों की तुलना में काफी कम है. यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते जंग को देखते हुए अन्य देशों ने भी हथियार खरीदे हैं. जिससे अमेरिका को काफी लाभ पहुंचा है.
FMS और DCS को भारी मुनाफा
विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) और प्रत्यक्ष वाणिज्यिक बिक्री (DCS) प्रणाली के तहत अमेरिका दूसरे देशों को हथियार और सुरक्षा सहयोग गतिविधियां देता है. नए रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों कार्यक्रमों के माध्यम से अमेरिकै पिछले तीन सालों में रक्षा सेवाओं और उपकरणों की बिक्री दोगुनी से भी ज्यादा की है. विलियम डी हार्टुंग और स्टीफन एन सेमलर ने अपने एक रिसर्च पेपर का नाम 'युद्ध के लाभ' दिया. जिसमें बताया गया कि 2020-2024 के अमेरिकी रक्षा ठेकेदारों ने पेंटागन के लगभग लगभग 2.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का ऑर्डर प्राप्त किया. जो की उसके 4.4 ट्रिलियन डॉलर के विवेकाधीन बजट के आधे से भी ज़्यादा है. ऐसे में यह अनुमान लगाना काफी आसान है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में हो रहे युद्ध को शांत कराने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप कैसे अमेरिका को बड़ा लाभ दे रहे हैं. आने वाले समय में यूरोपीय देश यूक्रेन की आपूर्ति के लिए अमेरिका से अभी लगभग 90 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हथियार खरीदने की तैयारी में हैं,
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