Trump Russia Sanctions: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक बार फिर रूस पर प्रतिबंध लगाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका कड़े कदम उठाने को तैयार है, लेकिन यूरोप को भी उसी स्तर पर आकर मास्को पर दबाव बनाना होगा. ट्रंप ने सीधे तौर पर यूरोपीय संघ की आलोचना की और कहा कि वह रूस से तेल खरीदकर अपनी ही नीतियों को कमजोर कर रहा है.
ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'यूरोप रूस से तेल खरीद रहा है. मैं नहीं चाहता कि वे तेल खरीदें.' उन्होंने जोर देकर कहा कि यूरोप के मौजूदा प्रतिबंध पर्याप्त नहीं हैं और अगर रूस पर असली दबाव डालना है, तो यूरोपीय देशों को वाशिंगटन की तरह सख्ती दिखानी होगी. उन्होंने आगे कहा, 'और जो प्रतिबंध... वे लगा रहे हैं, वे पर्याप्त कड़े नहीं हैं, और मैं प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं, लेकिन उन्हें मेरे कदमों के अनुरूप अपने प्रतिबंधों को और सख्त करना होगा.'
इससे पहले शनिवार को ट्रंप ने नाटो देशों से रूस से तेल खरीदना बंद करने की अपील की थी. उन्होंने कहा कि जब तक यूक्रेन युद्ध खत्म नहीं होता, तब तक नाटो को मिलकर रूस पर और आर्थिक दबाव बनाना चाहिए. इसी क्रम में उन्होंने चीन पर 50% से 100% तक टैरिफ लगाने का सुझाव दिया और दावा किया कि यह कदम रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने में मदद करेगा.
.@POTUS: "Europe is buying oil from Russia. I don't want them to buy oil — and the sanctions that they're putting on are not tough enough. I'm willing to do sanctions, but they're going to have to toughen up their sanctions commensurate with what I'm doing." pic.twitter.com/ch5zSZdJ8n
— Rapid Response 47 (@RapidResponse47) September 14, 2025Also Read
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'मेरा मानना है कि यह, और नाटो द्वारा एक समूह के रूप में चीन पर 50% से 100% टैरिफ लगाना, जिसे रूस और यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त होने के बाद पूरी तरह से वापस ले लिया जाएगा, इस घातक, लेकिन हास्यास्पद युद्ध को समाप्त करने में भी बहुत मददगार साबित होगा.'
ऊर्जा और स्वच्छ हवा पर रिसर्च करने वाले सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर की रिपोर्ट बताती है कि नाटो का सदस्य तुर्की, चीन और भारत के बाद रूसी तेल का तीसरा सबसे बड़ा खरीदार है. इसके अलावा, हंगरी और स्लोवाकिया जैसे नाटो सदस्य भी रूस से ऊर्जा आयात कर रहे हैं. ट्रंप पहले ही नई दिल्ली द्वारा रूसी ऊर्जा खरीद को लेकर भारतीय वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा चुके हैं. हालांकि, चीन पर अब तक इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. इसके बावजूद ट्रंप बार-बार चीन को चेतावनी देते रहे हैं कि अगर उसने रूस का समर्थन जारी रखा तो कड़े आर्थिक कदम उठाए जाएंगे.