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अब आर्कटिक को उजाड़ने की तैयारी, संसाधनों की लूट के लिए रूस, चीन अमेरिका...दुनिया की महाशक्तियों में मची होड़

आर्कटिक, जो वैश्विक सतह का 4% हिस्सा है, तेजी से गर्म हो रहा है, जिससे खनिज, तेल और गैस जैसे संसाधनों तक पहुंच आसान हो रही है. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह क्षेत्र विश्व की तुलना में चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है. बर्फ के पिघलने से नए समुद्री व्यापार मार्ग खुल रहे हैं, जो एशिया और यूरोप के बीच यात्रा समय को कम करते हैं.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Russia China and America are competing to loot resources in the Arctic

नॉर्वे के उत्तरी छोर पर एक छोटे से शहर के मेयर मैग्नस मेलैंड ने 2023 के अंत में पद संभाला, तभी चीन के तीन प्रतिनिधिमंडल उनके दरवाजे पर दस्तक देने पहुंचे. मेलैंड ने कहा, “वे ध्रुवीय महाशक्ति बनना चाहते हैं.” चीन, जो भौगोलिक रूप से आर्कटिक से दूर है, फिर भी इस क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति चाहता है. वह रियल एस्टेट खरीद, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और स्थायी क्षेत्रीय मौजूदगी की कोशिश में है. हालांकि, चीन का सबसे उत्तरी शहर हार्बिन, इटली के वेनिस के समान अक्षांश पर है, फिर भी वह खुद को “नियर-आर्कटिक स्टेट” कहता है.

तेजी से गर्म हो रहा आर्कटिक

आर्कटिक, जो वैश्विक सतह का 4% हिस्सा है, तेजी से गर्म हो रहा है, जिससे खनिज, तेल और गैस जैसे संसाधनों तक पहुंच आसान हो रही है. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह क्षेत्र विश्व की तुलना में चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है. बर्फ के पिघलने से नए समुद्री व्यापार मार्ग खुल रहे हैं, जो एशिया और यूरोप के बीच यात्रा समय को कम करते हैं. चीन अपनी “पोलर सिल्क रोड” योजना के तहत आर्कटिक शिपिंग को बढ़ावा दे रहा है. नॉर्वे के किर्केनेस बंदरगाह के निदेशक टेर्जे जोर्गेनसेन ने कहा, “हम किर्केनेस में एक ट्रांस-शिपमेंट बंदरगाह बना रहे हैं, जहां उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया मिलेंगे. हमें किसी को जमीन बेचने की जरूरत नहीं.”

रूस-चीन गठजोड़
रूस, जो आर्कटिक तट का आधा हिस्सा नियंत्रित करता है, चीन के निवेश को आकर्षित कर रहा है. दोनों देश सैन्य सहयोग भी कर रहे हैं. अक्टूबर में चीन की कोस्टगार्ड ने रूसी बलों के साथ संयुक्त गश्त की. फ्रिड्टजॉफ नानसेन इंस्टीट्यूट के सीनियर फेलो एंड्रियास ओस्थेगन ने कहा, “रूस को निवेश और वाणिज्यिक भागीदार चाहिए. चीन वह बाजार है.” हालांकि, रूस और चीन दोनों एक-दूसरे के प्रति सतर्क हैं. ओस्थेगन ने कहा, “रूस-चीन संबंध को अतिरंजित न करें. रूस चीन को अपने आर्कटिक में बहुत गहराई तक नहीं आने देना चाहता.”

नॉर्वे की सतर्कता
नॉर्वे में रूस की सीमा से महज 10 मिनट की दूरी पर स्थित किर्केनेस के निवासी रूसी प्रभाव के साए में रहते हैं. कर्नल जॉर्न क्विलर ने बताया, “यूक्रेन पर आक्रमण के बाद जीपीएस जैमिंग और जासूसी की घटनाएं बढ़ गई हैं.” नॉर्वे और नाटो रूसी जासूसी पनडुब्बियों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमले की आशंका पर नजर रखे हुए हैं. वाइस एडमिरल रूने एंडरसन ने कहा, “रूस की सैन्य तैनाती न केवल यूरोप, बल्कि अमेरिका के लिए भी खतरा है.”

स्वालबार्ड में तनाव
आर्कटिक में नॉर्वे का स्वालबार्ड द्वीपसमूह संसाधनों की दौड़ का केंद्र है. स्थानीय मेयर टेर्जे औनेविक ने कहा, “यहां खुफिया गतिविधियां चल रही हैं.” स्वालबार्ड में रूस और चीन की गतिविधियां संदेह पैदा कर रही हैं. 

स्वदेशी समुदायों की चिंता
आर्कटिक के स्वदेशी समुदाय, जिनमें से आधे रूस में रहते हैं, अपनी जमीनों पर बाहरी हस्तक्षेप से चिंतित हैं. ग्रीनलैंड की युवा कार्यकर्ता मियुकी दाओराना ने कहा, “यह हमारे लिए केवल अध्ययन का विषय नहीं, बल्कि हमारा जीवन और संघर्ष है.”