शांति की बात, पर सबूतों से इनकार! SCO बैठक में पाक विदेश मंत्री ने पहलगाम हमले से फिर झाड़ा पल्ला

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में कहा कि पाकिस्तान भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांति और स्थिरता चाहता है. उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले को पाकिस्तान से जोड़ा है, जबकि इस पर कोई ठोस जांच या सबूत नहीं है. भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान आधारित आतंकियों की पहचान कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानकारी साझा की है.

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Kuldeep Sharma

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े तनाव के बीच एक बार फिर बातचीत और संघर्षविराम की बात सामने आई है. एससीओ की बैठक में पाकिस्तान ने संवाद की बात कही, लेकिन पहलगाम हमले में अपनी भूमिका से इनकार किया. भारत ने इस आतंकी घटना को गंभीरता से लेते हुए जवाबी कार्रवाई में 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इसमें शामिल किया.

एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री और डिप्टी पीएम इशाक डार ने कहा कि उनका देश सभी पड़ोसियों के साथ शांति और स्थिरता का संबंध चाहता है. उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में बीते तीन महीनों में कई चिंताजनक घटनाएं हुई हैं. इस दौरान उन्होंने यह आरोप लगाया कि भारत ने बिना किसी विश्वसनीय जांच के और बिना ठोस सबूत के पहलगाम हमले का आरोप पाकिस्तान पर लगाया है. डार ने दावा किया कि इस तरह के आरोपों ने दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों को एक बड़े संघर्ष के कगार पर ला दिया.

भारत की कार्रवाई और कूटनीतिक रणनीति

भारत सरकार ने अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद 'ऑपरेशन सिंदूर' के ज़रिए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंक के ठिकानों को निशाना बनाया. यह कार्रवाई उस हमले की प्रतिक्रिया थी जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी. भारत ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान आधारित आतंकियों की पहचान की और इसे लेकर अमेरिका, फ्रांस, रूस समेत कई देशों को जानकारी दी. भारत का रुख साफ है कि पाकिस्तान से कोई बातचीत अब सिर्फ आतंकवाद पर ही होगी, क्योंकि यह उसकी सरकारी नीति का हिस्सा बन गया है.

बातचीत की पेशकश, लेकिन जिम्मेदारी से इनकार

हालांकि पाकिस्तान ने संघर्षविराम के पालन की बात कही और 10 मई को भारत-पाक के बीच युद्धविराम पर समझौते की पुष्टि भी की गई. इशाक डार ने कहा कि सभी विवादों को बातचीत और कूटनीति से सुलझाया जाना चाहिए न कि संघर्ष और दबाव से. लेकिन वहीं उन्होंने पहलगाम हमले में पाकिस्तान की किसी भी भूमिका को सिरे से नकार दिया. उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए एक वैश्विक खतरा है और इसका हर रूप, चाहे वह राज्य प्रायोजित हो या किसी अन्य प्रकार का, निंदनीय है.