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पाकिस्तान ने इजरायल से मिलाया हाथ? आसिम मुनीर ने मोसाद-सीआईए से की सीक्रेट डील

पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने मिस्र में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के वरिष्ठ अधिकारियों से गुप्त बैठक की है. यह पाकिस्तान के इतिहास में पहली ऐसी प्रत्यक्ष बातचीत है, जिसमें अमेरिकी सीआईए के प्रतिनिधि भी शामिल थे.

Gyanendra Sharma
 Asim Munir
Courtesy: X- @TajikIntelChief

इस्लामाबाद: दशकों से पाकिस्तान इजरायल को एक देश के रूप में मान्यता देने से इनकार करता आया है. यहां तक कि इजरायल का नाम लेना भी सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता रहा है. लेकिन अब खुफिया स्रोतों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान अपनी इस लंबे समय पुरानी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए नजर आ रहा है.

पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने मिस्र में इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के वरिष्ठ अधिकारियों से गुप्त बैठक की है. यह पाकिस्तान के इतिहास में पहली ऐसी प्रत्यक्ष बातचीत है, जिसमें अमेरिकी सीआईए के प्रतिनिधि भी शामिल थे. यह घटना मध्य पूर्व की भू-राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत दे रही है, जो पाकिस्तान की विदेश नीति को नया आकार दे सकती है.

गुप्त बैठक का खुलासा, मिस्र में हुई ऐतिहासिक मुलाकात

खबरों के मुताबिक, यह बैठक हाल ही में मिस्र में आयोजित की गई, जहां आसिम मुनीर ने मोसाद के कई उच्च अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की. सीआईए के अधिकारियों की मौजूदगी ने इस मुलाकात को और भी रणनीतिक बना दिया. सूत्रों का कहना है कि यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20-सूत्री गाजा शांति योजना का हिस्सा है, जो क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए तैयार की गई है. पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन इजरायली मीडिया और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स में इसकी चर्चा तेज हो गई है.

पाकिस्तान ने हमेशा फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन किया है और इजरायल की कार्रवाइयों की आलोचना की है. लेकिन ये गुप्त संपर्क क्षेत्रीय दबावों और आर्थिक चुनौतियों के बीच पाकिस्तान को नई रणनीति अपनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिकी दबाव और वित्तीय सहायता के बदले लिया गया हो सकता है, खासकर जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कर्ज के बोझ तले दबी हुई है.

गाजा में 20 हजार पाकिस्तानी सैनिक

इस बैठक का मुख्य फोकस गाजा संकट पर था. रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल ने पाकिस्तान से गाजा में 20 हजार सैनिक तैनात करने पर सहमति जताई है. ये सैनिक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल का हिस्सा होंगे, जिसका उद्देश्य गाजा में शांति बहाल करना, हमास के अवशेषों को निष्क्रिय करना और सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. यह बल मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल देशों से बनेगा, जिसमें मिस्र, इंडोनेशिया, अजरबैजान और तुर्की जैसे राष्ट्र शामिल हैं.