Pakistan Economic Crisis: कर्ज की लत में डूबा पाकिस्तान, IMF लोन के बाद भी महंगाई-बेरोजगारी ने तोड़ी कमर

Pakistan Crisis: पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. सीजफायर के बाद शनिवार रात फिर से उसने इसका उल्लंघन किया. एक तरफ, पाकिस्तान लगातार गलतियां कर रहा है, दूसरी तरफ, दशकों के कर्ज के बावजूद उसकी अर्थव्यवस्था खराब है.

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Ritu Sharma

Pakistan Crisis: भारत-पाक तनाव के बीच एक बार फिर पाकिस्तान की आर्थिक हालत दुनिया के सामने उजागर हो गई है. भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मदद की गुहार लगाई और IMF ने उसे राहत देते हुए 1 अरब डॉलर की किस्त जारी करने की मंजूरी दे दी. यह रकम मौजूदा एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी के तहत दी गई है. लेकिन सवाल ये है कि क्या इतने वर्षों से कर्ज लेने के बावजूद पाकिस्तान की हालत में कोई सुधार हुआ?

IMF से 25 बार लिया लोन, फिर भी देश में भुखमरी

बता दें कि पाकिस्तान 1958 से अब तक IMF से 25 अलग-अलग लोन एग्रीमेंट कर चुका है. पहले बेलआउट पैकेज के तहत उसने 30 मिलियन डॉलर का कर्ज लिया था. IMF के आंकड़ों के अनुसार, अब तक कुल 44.57 अरब डॉलर की मदद स्वीकृत हुई है, जिसमें से 28.2 अरब डॉलर पाकिस्तान को मिल चुके हैं. इसके बावजूद अर्थव्यवस्था डांवाडोल बनी हुई है.

'हमले भारत पर, मदद आतंक को?'

वहीं IMF के इस फैसले की भारत समेत दुनिया भर में आलोचना हो रही है. भारत का कहना है, ''पाकिस्तान को मिलने वाला पैसा उसकी खुफिया एजेंसियों और आतंकी संगठनों- लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की जेब में जाता है, जो भारत पर हमले करते हैं.'' इसके बावजूद IMF ने फिर से मदद का हाथ बढ़ाया है.

कर्ज बढ़ा, रिजर्व घटा, महंगाई और भुखमरी चरम पर

  • पाकिस्तान पर कुल विदेशी कर्ज 130 अरब डॉलर पहुंच गया है, जो उसकी जीडीपी का करीब 42% है.
  • विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 15 अरब डॉलर रह गया है.
  • गरीबी दर बढ़कर 40.5% हो चुकी है.
  • 2024 में औसतन 24% महंगाई दर रही.
  • 2023 में युवा बेरोजगारी दर 9.7% तक पहुंच गई.
  • पाकिस्तान ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में 127 देशों में 109वें पायदान पर है.

क्या ताजा मदद कुछ बदल पाएगी?

बहरहाल, इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान को IMF, वर्ल्ड बैंक और ADB जैसी संस्थाओं से अरबों डॉलर की मदद मिली है. फिर भी उसका हाल न सुधरा. 2024 में मिले 7.19 अरब डॉलर के लोन में से ये ताजा किस्त सिर्फ एक हिस्सा है. Moody's जैसी रेटिंग एजेंसियों ने चेताया है कि पाकिस्तान की हालत किसी भी युद्ध को झेलने लायक नहीं है.