Pakistan and Afghanistan Agree to Ceasefire: दक्षिण एशिया की सबसे अस्थिर सीमाओं में से एक पर एक बार फिर युद्ध जैसे हालात बनने के बाद अब कतर ने राहत की खबर दी है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने शनिवार को तत्काल संघर्षविराम पर सहमति जताई है.
कतर के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों देशों ने 'दीर्घकालिक शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए साझा तंत्र विकसित करने' पर सहमति बनाई है. यह निर्णय उस समय लिया गया है जब शुक्रवार को हुए ताजा हमलों में निर्दोष नागरिकों के साथ तीन युवा क्रिकेटर भी मारे गए.
पाकिस्तान- अफगानिस्तान संघर्ष की मुख्य बिंदु
- कतर की मध्यस्थता में नई वार्ता: 48 घंटे के संघर्षविराम के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल दोहा में फिर से बातचीत के लिए मिले. इस बार कतर के साथ तुर्की ने भी मध्यस्थता की भूमिका निभाई.
- संघर्षविराम पर सहमति: कतर के आधिकारिक बयान के मुताबिक, दोनों देशों ने तत्काल संघर्षविराम और स्थायी शांति के लिए तंत्र विकसित करने पर सहमति जताई है.
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- एक-दूसरे पर उल्लंघन का आरोप: पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने फिर एक-दूसरे पर संघर्षविराम तोड़ने का आरोप लगाया. अफगान प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने कहा कि 'अफगानिस्तान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन पाकिस्तान ने हमारी सीमाओं का उल्लंघन किया.'
- फिर भड़की हिंसा: शनिवार को इस्लामाबाद और काबुल के बीच ताजा हिंसा में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई. तालिबान अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान ने पक्तिका प्रांत में तीन जगहों पर बमबारी की.
- पाकिस्तान का दावा: इस्लामाबाद ने कहा कि हवाई हमले सीमा के पास उन ठिकानों पर किए गए, जहां टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के आतंकी सक्रिय थे. ये कार्रवाई पाकिस्तानी बलों पर हुए हमले के जवाब में की गई थी.
- नागरिकों की मौत: एक स्थानीय अस्पताल अधिकारी के अनुसार, हमलों में 10 नागरिक मारे गए और 12 घायल हुए, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे.
- तीन अफगान क्रिकेटरों की जान गई: अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने पुष्टि की कि स्थानीय टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे तीन क्रिकेटर- कबीर आघा, सिबघतुल्लाह और हारून हवाई हमले में मारे गए.
- ICC की प्रतिक्रिया: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने तीन युवा खिलाड़ियों की मौत पर शोक जताया और कहा कि यह खेल जगत के लिए 'दुःखद क्षण' है.
- भविष्य की दिशा: कतर और तुर्की की कोशिश है कि यह संघर्षविराम लंबे समय तक कायम रहे और दोनों देशों के बीच स्थायी शांति की नींव रखी जा सके.