ब्लड मनी है फांसी से बचने का तरीका! क्या निमिषा प्रिया को मिलेगी सजा?
Nimisha Priya Execution: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन निवासी तलाल अब्दो महदी की हत्या के जिम्मेदार ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई है. महदी के परिवार ने कहा है कि उसे मौत की सजा से कम में वो तैयार नहीं होंगे.
Nimisha Priya Execution: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन निवासी तलाल अब्दो महदी की हत्या के जिम्मेदार ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई गई है. महदी के परिवार ने कहा है कि उसे मौत की सजा से कम में वो तैयार नहीं होंगे. केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2017 में तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी.
उनकी मौत की सजा 16 जुलाई को होनी थी. हालांकि, एक प्रमुख मौलवी और उनके परिवार द्वारा देखे गए डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, इसे 15 जुलाई को स्थगित कर दिया गया था. यमनी प्रशासन ने 14 जुलाई को अरबी में एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि प्रिया की फांसी की सजा नई तारीख की घोषणा होने तक, फांसी स्थगित कर दी गई है.
सजा से बचने की एकमात्र उम्मीद ब्लड मनी:
भारतीय अधिकारियों ने इस हफ्ते की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ब्लड मनी मौत की सजा से बचने के लिए उसकी एकमात्र उम्मीद है. बता दें कि ब्लड मनी किसी की जान लेने के बदले मिलने वाला मुआवजा होता है. इसके बाद से, कई एडवोकेसी ग्रुप्स और बड़े धार्मिक नेत ने समाधान निकालने की कोशिश की है जिसमें सऊदी अरब का एक ट्रस्ट शामिल है.
इस ट्रस्ट ने मुआवजे के तौर पर 11 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है. प्रिया के वकीलों ने बताया कि उनकी पहली प्राथमिकता फांसी की सजा को टालना है. वकील सुभाष चंद्रन केआर ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा है कि जिस ग्रुप ने पहले सऊदी अरब में अब्दुल रहीम को बचाने में मदद की थी, वह पीड़ित के परिवार को पैसे देने की पेशकश कर रहा है.
शरिया कानून के अनुसार, अगर प्रिया को ब्लड मनी की पेशकश की जाती है और वह उसे स्वीकार कर लेती है, तो उसे फांसी नहीं दी जा सकती.