नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इस हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हो गई है, जबकि दो पुलिस अधिकारियों सहित करीब 30 लोग घायल बताए जा रहे हैं. यह हमला उस समय हुआ, जब बोंडी बीच पर यहूदी त्योहार हनुका के अवसर पर कार्यक्रम चल रहा था. पुलिस ने पुष्टि की है कि दो हमलावर पिता पुत्र थे, जिनमें से एक को मार गिराया गया और दूसरा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है.
ऑस्ट्रेलियन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमलावरों की पहचान नवीद अकरम और उसके पिता साजिद अकरम के रूप में हुई है. दोनों पाकिस्तान मूल के बताए जा रहे हैं और सिडनी के बोनिरिग इलाके में रहते थे. इस घटना के बाद ऑस्ट्रेलिया में अवैध प्रवासियों को लेकर अपनाई गई पुरानी नीतियों पर भी सवाल उठने लगे हैं. यहूदियों के खिलाफ बढ़ते हमलों ने सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
I was here in #BondiBeach. A few months ago, India faced Islamist Pakistan-backed jihadist terrorism in Kashmir. The world ignored it. Now the same ideology has reached Austria and Bondi Beach, carrying out a massacre against the Jewish community. Pakistan has also recently been… pic.twitter.com/yiVQQGlo1S
— Amjad Taha أمجد طه (@amjadt25) December 14, 2025
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले के बाद ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर यहूदी समुदाय की सुरक्षा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि यह हमला केवल एक देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर बढ़ती यहूदी विरोधी सोच का नतीजा है.
इस बीच संयुक्त अरब अमीरात के जियो पॉलिटिकल एक्सपर्ट अमजद ताहा ने इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित जिहादी विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कुछ महीने पहले भारत ने कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में पाकिस्तान समर्थित जिहादी आतंकवाद का सामना किया था, लेकिन दुनिया ने उस खतरे को नजरअंदाज कर दिया.
अमजद ताहा ने लिखा कि अब वही विचारधारा ऑस्ट्रेलिया तक पहुंच गई है और यहूदी समुदाय के खिलाफ हिंसा कर रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान दूसरे देशों में भी कट्टरपंथी गुटों को समर्थन दे रहा है. उनके अनुसार जब नफरत और आतंकवाद को समय रहते रोका नहीं जाता, तो वह और ज्यादा खतरनाक रूप ले लेता है.
एक्सपर्ट ने मांग की है कि पाकिस्तान को उसके समर्थन वाले जिहादी नेटवर्क के लिए जवाबदेह ठहराया जाए. उन्होंने कहा कि यहूदी विरोध अब केवल नफरत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कई जगहों पर इसे नजरअंदाज किया जा रहा है.