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India Daily

1 मिनट में दिल्ली से न्यूयॉर्क तक का सफर! NASA के पार्कर सोलर प्रोब ने 6,87,000 किमी प्रति घंटे की स्पीड हासिल कर किया कमाल

पार्कर के डेटा से पता चलता है कि सौर घटनाएं, जैसे सौर ज्वालाएं और प्लाज्मा विस्फोट, अंतरिक्ष यात्रियों, उपग्रहों, हवाई यात्रा और पृथ्वी पर बिजली ग्रिड के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. नासा का यह मिशन इन खतरों को समझने और उनसे बचाव के उपाय खोजने में मदद कर रहा है, जिससे वैश्विक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Parker Solar Probe
Courtesy: X

NASA Parker Solar Probe: अंतरिक्ष अनुसंधान में नासा ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया. पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य के करीब पहुंचकर न केवल गति का नया कीर्तिमान बनाया, बल्कि सौर गतिविधियों की गहरी समझ प्रदान की. यह मिशन सूर्य के रहस्यों को उजागर करने और अंतरिक्ष मौसम के प्रभावों को समझने में महत्वपूर्ण है. यह खबर इस मिशन की तकनीकी उपलब्धियों और इसके व्यापक प्रभावों को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है.

6,87,000 किमी प्रति घंटे की स्पीड

पार्कर सोलर प्रोब ने 18 सितंबर को अपनी 25वीं सूर्य परिक्रमा के दौरान 6,87,000 किमी प्रति घंटे की गति दर्ज की. यह गति इतनी है कि यह दिल्ली से न्यूयॉर्क तक सिर्फ 61 सेकंड में पहुंच सकता है, जबकि सामान्य उड़ान में 15-17 घंटे लगते हैं. यह उपलब्धि पहले 2024 और 2025 में दर्ज की गई गति के बराबर है, जो अंतरिक्ष यात्रा की संभावनाओं को नया आयाम देती है.

सूर्य के रहस्यों की खोज

पार्कर का मुख्य लक्ष्य सौर हवाओं, सूर्य की सतह से गर्म कोरोना और विशाल प्लाज्मा बादलों (कोरोनल मास इजेक्शन) की उत्पत्ति को समझना है. नासा के अनुसार, ये अध्ययन सूर्य के 11-वर्षीय चक्र के सक्रिय चरण में महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करते हैं, जो अंतरिक्ष मौसम की भविष्यवाणी में सहायक है.

पृथ्वी के लिए महत्व

पार्कर के डेटा से पता चलता है कि सौर घटनाएं, जैसे सौर ज्वालाएं और प्लाज्मा विस्फोट, अंतरिक्ष यात्रियों, उपग्रहों, हवाई यात्रा और पृथ्वी पर बिजली ग्रिड के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. नासा का यह मिशन इन खतरों को समझने और उनसे बचाव के उपाय खोजने में मदद कर रहा है, जिससे वैश्विक सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

तकनीकी चमत्कार का प्रतीक

2018 में लॉन्च हुआ पार्कर सोलर प्रोब नासा के 'लिविंग विद अ स्टार' कार्यक्रम का हिस्सा है. यह शुक्र की परिक्रमा का उपयोग कर सूर्य के करीब पहुंचता है. मिशन की तकनीकी सफलता और इसके स्वायत्त संचालन ने अंतरिक्ष अनुसंधान में नई संभावनाएं खोली हैं, जो भविष्य के मिशनों के लिए प्रेरणा बनेगी.