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सैन्य प्रमुख से तकरार के बीच बच गई मुहम्मद यूनुस की कुर्सी, बने रहेंगे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ

पिछले साल बांग्लादेश में जन विद्रोह के बाद सत्ता संभालने वाले यूनुस के सामने राजनीतिक समर्थन जुटाने की चुनौती है. उनकी सरकार देश को स्थिरता और लोकतंत्र की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन बढ़ते विरोध और दबाव इसे कठिन बना रहे हैं. 

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Muhammad Yunus will remain head of interim government of Bangladesh

नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने रहेंगे. शनिवार को उनके मंत्रिमंडल के सलाहकार ने यह बात स्पष्ट की, जब उनके इस्तीफे की अटकलों ने जोर पकड़ा था. योजना सलाहकार वहीदुद्दीन महमूद ने एक अनियोजित सलाहकार परिषद की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, “उन्होंने (यूनुस) यह नहीं कहा कि वह छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने में कई बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन हम इनका सामना कर रहे हैं.” महमूद ने जोर देकर कहा, “वह (यूनुस) निश्चित रूप से बने रहेंगे.”

अंतरिम सरकार की प्रतिबद्धता

महमूद ने आगे कहा कि अंतरिम सरकार के किसी भी सलाहकार का जाने का इरादा नहीं है, क्योंकि उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी बहुत महत्वपूर्ण है और वे इसे छोड़ नहीं सकते. यह बयान उस समय आया जब यूनुस की कथित तौर पर इस्तीफे की धमकी की खबरें सामने आई थीं. उनकी प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने बताया कि यूनुस शनिवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी के नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं, हालांकि इस चर्चा का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया गया है. 

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट
बांग्लादेश में इस सप्ताह राजनीतिक संकट गहरा गया, जब ढाका की सड़कों पर विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किए. गुरुवार को बीएनपी के हजारों समर्थकों ने निश्चित चुनाव तारीख की मांग को लेकर मार्च किया. यूनुस ने वादा किया है कि जून 2026 तक चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन बीएनपी समर्थक तत्काल तारीख की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा, सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमां ने कहा कि दिसंबर तक चुनाव होने चाहिए, जिससे यूनुस और सेना के बीच तनाव की खबरें सामने आई हैं. 

यूनुस का नेतृत्व
पिछले साल बांग्लादेश में जन विद्रोह के बाद सत्ता संभालने वाले यूनुस के सामने राजनीतिक समर्थन जुटाने की चुनौती है. उनकी सरकार देश को स्थिरता और लोकतंत्र की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन बढ़ते विरोध और दबाव इसे कठिन बना रहे हैं.