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रहस्यमयी वस्तु टकराने से चांद पर हुआ भयंकर विस्फोट, जापानी खगोलशास्त्री ने टेलिस्कोप में कैद किया दुर्लभ क्षण

30 अक्टूबर 2025 की रात चांद की सतह पर एक रहस्यमयी वस्तु आकर टकराई, जिससे इतना तेज़ विस्फोट हुआ कि वह धरती से भी दिखाई दिया. जापानी खगोलशास्त्री दैची फुजई ने इस दुर्लभ क्षण को अपने टेलिस्कोप से कैद किया. माना जा रहा है कि यह टकराव टॉरिड उल्का वर्षा से जुड़ा था. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रभाव से लगभग तीन मीटर व्यास का गड्ढा बना और यह घटना भविष्य की चंद्र मिशनों के लिए अहम सबक है.

@dfuji1
Sagar Bhardwaj

जैसे-जैसे पृथ्वी से चांद पर नए मिशन भेजने की तैयारियां बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे उसके सतह पर टकराने वाले उल्कापिंड एक बड़ी चुनौती बनते जा रहे हैं. हाल ही में 30 अक्टूबर की रात चांद पर एक तेज़ धमाका देखा गया, जिसने खगोल जगत को हैरान कर दिया. यह विस्फोट जापान के एक शौकिया खगोलशास्त्री द्वारा कैमरे में कैद हुआ और यह दृश्य धरती से भी साफ नज़र आया—मानो आसमान ने खुद कोई रहस्य खोल दिया हो.

धरती से दिखा चांद पर धमाका

जापानी खगोलशास्त्री दैची फुजई ने अपने टेलिस्कोप से चांद की सतह पर एक चमकदार विस्फोट रिकॉर्ड किया. यह घटना रात 8:33 बजे हुई और कुछ ही क्षणों तक चली. 270 फ्रेम प्रति सेकंड पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो में यह विस्फोट चांद के “गैसेंडी क्रेटर” के पूर्वी हिस्से में हुआ दिखा. चांद पर वायुमंडल न होने के कारण उल्का सीधे सतह से टकराता है, जिससे तेज़ रोशनी और नया गड्ढा बनता है.

टॉरिड उल्का वर्षा से जुड़ा माना जा रहा टकराव

वैज्ञानिकों के अनुसार यह टकराव संभवतः “सदर्न” या “नॉर्दर्न टॉरिड” उल्का वर्षा से संबंधित हो सकता है. इस दौरान उल्कापिंड लगभग 27 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चांद की सतह से टकराते हैं. प्रारंभिक विश्लेषण बताता है कि टकराने वाला पत्थर लगभग 0.2 किलोग्राम वज़नी था, जिसने करीब तीन मीटर चौड़ा गड्ढा बनाया.

0.1 सेकंड में बना नया क्रेटर

फुजई के वीडियो के अनुसार यह विस्फोट करीब 0.1 सेकंड तक चला और इसकी चमक आठवें परिमाण तक पहुंची, जो एक मध्यम तारे के बराबर मानी जाती है. यह पल अत्यंत दुर्लभ था क्योंकि चांद पर ऐसे टकराव का सीधे धरती से दिखना बहुत असामान्य है. वैज्ञानिक अब इस क्षेत्र की तस्वीरें नासा के लूनर रीकॉनसेंस ऑर्बिटर से मिलने का इंतज़ार कर रहे हैं.

भविष्य के मिशनों के लिए चेतावनी

यह घटना याद दिलाती है कि चांद आज भी लगातार अंतरिक्ष मलबे की चपेट में रहता है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के टकराव भविष्य के मानव मिशनों और चांद पर बनने वाले बेस के लिए खतरा साबित हो सकते हैं. ऐसे अध्ययन न केवल अंतरिक्ष सुरक्षा को बेहतर बनाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि चांद का सतह अब भी ‘जिंदा’ है और लगातार बदल रही है.

खगोल प्रेमियों के लिए दुर्लभ नज़ारा

इस धमाके की झलक ने दुनिया भर के खगोलप्रेमियों को रोमांचित कर दिया. यह घटना इस बात का प्रमाण है कि आसमान में रोज़ाना कुछ न कुछ नया घटता रहता है. चांद पर यह विस्फोट ब्रह्मांड की उस अदृश्य हलचल की झलक है, जो हमारी नज़रों से अक्सर ओझल रह जाती है.