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India Daily

जैश ए मोहम्मद की महिला विंग में 5,000 महिलाएं हुई भर्ती, मसूद अजहर की भारत के खिलाफ बड़ी साजिश, खुद कबूला गुनाह!

मसूद अजहर ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग को लेकर जहरीले राज उगले है. मसूद अजहर के अनुसार, उसके आतंकी संगठन की महिला शाखा में अब तक लगभग 5,000 महिलाओं को शामिल किया जा चुका है.

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Edited By: Anuj
Masood Azhar

नई दिल्ली: मई माह में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में बड़ा नुकसान झेलने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर ने कई खुलासे किए है. मसूद अजहर ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग को लेकर जहरीले राज उगले है. मसूद अजहर के अनुसार, उसके आतंकी संगठन की महिला शाखा में अब तक लगभग 5,000 महिलाओं को शामिल किया जा चुका है. उसका दावा है कि इन महिलाओं को कथित तौर पर फिदायीन यानी आत्मघाती मिशनों के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

जमात-उल-मोमिनात बनाने का ऐलान

कुछ समय पहले अक्टूबर माह में खूंखार आतंकी मसूद अजहर ने महिला ब्रिगेड (जमात-उल-मोमिनात) बनाने का ऐलान किया था. बताया जाता है कि इस महिला ब्रिगेड की जिम्मेदारी उसकी बहन सईदा संभाल रही है. अजहर ने हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से खुलासा किया कि जमात-उल-मोमिनात बहुत तेजी से फैल रहा है और कम समय में इसका प्रभाव काफी बढ़ गया है.

महिला विंग का विस्तार

मसूद अजहर के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में 5,000 से अधिक महिलाएं इस समूह से जुड़ी हैं. उसने यह भी बताया कि भर्ती और ट्रेनिंग को आसान बनाने के लिए पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के कई जिलों में इस महिला विंग का विस्तार किया जा रहा है. हर जिले में एक महिला प्रमुख, जिसे मुंतजिमा कहा जाएगा की अगुवाई में एक दफ्तर बनाया जाएगा, जो वहां की सभी गतिविधियों पर नजर रखेगा. भर्ती और प्रशिक्षण का संचालन करेगा. 

महिलाओं की भर्ती बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कोर्स शुरू

आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती बढ़ाने के लिए एक ऑनलाइन कोर्स भी शुरू था, जिसका नाम 'तुफात अल-मुमिनात' है. इस कोर्स में शामिल होने के लिए हर महिला से 500 रुपये शुल्क लिया जाता है.

महिला आतंकी ब्रिगेड तैयार करने का लक्ष्य

बताया जाता है कि पाकिस्तान के कई कट्टरपंथी इलाकों में महिलाओं का अकेले बाहर जाना अच्छा नहीं माना जाता, इसलिए जैश अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए उन्हें जोड़ने की कोशिश कर रहा है. संगठन का लक्ष्य है कि ISIS, हमास और लिट्टे जैसे आतंकी संगठनों की तरह अपनी एक अलग महिला आतंकी ब्रिगेड तैयार की जाए, जिसका इस्तेमाल फिदायीन हमलों में किया जा सके.