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India Daily

अमेरिका लोगों को बचा रहा या मार रहा है! कैलिफोर्निया के जंगलों की आग बुझाने के लिए छिड़क रहा है पिंक लिक्विड, क्या है खतरा?

लॉस एंजेलिस में भड़की आग को बुझाने के लिए विमान पानी से अधिक कुछ गिरा रहे हैं. दरअसल, आग की लपटों के आगे हजारों गैलन गर्म गुलाबी अग्नि शमन पदार्थ गिराए जा रहे हैं, ताकि आग को और अधिक इलाकों को नष्ट होने से पहले ही रोका जा सके.

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Edited By: Mayank Tiwari
आग बुझाने वाले पिंक लिक्विड पर क्यों उठ रहे सवाल
Courtesy: X@latimes

Los Angeles Wild Fire: अमेरिका के लॉस एंजेलिस में जंगल की भीषण आग ने कई रिहायशी इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे जनहानि और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है. आग पर नियंत्रण पाने के लिए लगातार विमानों से गुलाबी रंग का एक तरल पदार्थ आग पर गिराया जा रहा है. यह रासायनिक मिश्रण आग की लपटों को फैलने से रोकने और बुझाने में मदद कर रहा है. इस आग पर काबू पाने के लिए फायर फाइटर्स लगातार कोशिश कर रहे हैं. हालांकि,अभी भी कई जगहों पर उनकी यह कोशिश जारी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लॉस एंजेलिस में लगी इस घातक आग में अब तक 24 लोगों की जान जा चुकी है. आग के कारण अरबों डॉलर की संपत्ति का नुकसान हुआ है, और एक निजी मौसम कंपनी के अनुसार, इस आग से लगभग 250 अरब अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ है. हालांकि, ये आग अभी भी बहुत तेज़ी से फैल रही है, और दमकल कर्मी लगातार आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं.

जानिए क्या है ये पिंक लिक्विड?

लॉस एंजेलिस में हवाई जहाज से आग पर गुलाबी यानी पिंक रंग का लिक्विड गिराया जा रहा है. दरअसल, ये एक फ़ायर रिटार्डेंट है, यानी ऐसा पदार्थ जो आग लगने या जलने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है. जिसमें पानी, साल्ट्स (केमिकल) और उर्वरकों का मिश्रण होता है. इसमें अमोनियम फॉस्फेट घुला हुआ होता है, जो आग के फैलने को रोकता है. जब यह रासायनिक तरल आग की लपटों पर गिरता है, तो यह आग के संपर्क में आने वाले ऑक्सीजन को रोकता है, जिससे आग की लपटें धीमी पड़ जाती हैं और आग फैलने में रुकावट आती है.

जंगलों की आग बुझाने वाले पिंक लिक्विड पर क्यों उठ रहे सवाल?

आग बुझाने के लिए इस्तेमाल इस केमिकल को गुलाबी रंग इसलिए दिया जाता है ताकि दमकल कर्मियों को ये पता चल जाए कि कहां इसका इस्तेमाल हो चुका है. इसके अलावा ये रंग आग की जद में आए क्षेत्र को भी साफ दिखाता है. इससे लोगों को पता चलता है कि कौन से इलाके आग से प्रभावित हैं. आग पर काबू पाने की ये तकनीक विवादों में भी रही है, क्योंकि इस केमिकल का इंसानों और पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है. इसके प्रयोग को लेकर कई चिंताएं व्यक्त की जाती रही हैं.

पिंक लिक्विड पर क्यों उठ रहे सवाल?

हालांकि, इस रिटार्डेंट का इस्तेमाल प्रभावी होने का सवाल उठता है. ऐसे में पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि विमान से रिटार्डेंट गिराना न केवल महंगा है, बल्कि यह नदियों में प्रदूषण का एक बढ़ता हुआ सोर्स भी है. 2024 में दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूएससी) के साइंटिस्ट द्वारा किए गए एक रिसर्च में पता चला है कि फोस-चेक में ऐसे जहरीले धातु होते हैं, जो  स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. इसमें में क्रोमियम और कैडमियम शामिल हैं, जो कैंसर, गुर्दे और जिगर की बीमारियों का कारण बन सकते हैं. इनका पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है.