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कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने दिया इस्तीफा, मजबूर होकर इसलिए छोड़नी पड़ी कुर्सी

Justin Trudeau Resignation: कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नेता के पद से अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी. कई दिनों तक सस्पेंस के बाद उन पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ गया. उन्होंने यह घोषणा एक ऐसे संबोधन के दौरान की जिसकी लंबे समय से उम्मीद थी.

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Gyanendra Tiwari

Justin Trudeau Resignation:  कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बढ़ते राजनीतिक दबाव के बीच लिबरल पार्टी के नेता और पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. यह कदम उन्होंने अपने नौ साल के कार्यकाल के बाद उठाया है. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह प्रधानमंत्री के रूप में तब तक बने रहेंगे जब तक पार्टी उनका उत्तराधिकारी नहीं चुन लेती.

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, '' कनाडा के PM के रूप में सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात रही. हमने महामारी कोविड 19 के दौरान सेवा की. देश को मजबूत करने के लिए काम किया. देश के विकास और बेहतर कारोबार के लिए काम किया. आप सभी को पता है कि मैं फाइटर हूं. 2015 में जब से मैं प्रधानमंत्री बना, तब से कनाडा और इसके हितों की रक्षा के लिए काम कर रहा हूं. मैंने मिडिल क्लास को ऊपर उठाने और उन्हें मजबूूत करने के लिए काम किया."

जस्टिन ट्रूडो को इसलिए देना पड़ा इस्तीफा

जस्टिन ट्रूडो ने पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष और विरोध के चलते इस्तीफा देने का फैसला किया. उनके इस्तीफे के बाद, लिबरल पार्टी अब बिना स्थायी नेता के रह जाएगी, जबकि आगामी चुनावों में उनके नेतृत्व के तहत पार्टी की हार की संभावना जताई जा रही है. ताजे मतदान परिणामों से यह साफ़ है कि अगले चुनाव में पार्टी को विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. चुनाव अक्टूबर के अंत तक होने की उम्मीद है.

जस्टिन ट्रूडो की लोकप्रियता पिछले कुछ सालों में लगातार गिरती रही है. देशवासियों में बढ़ती खाद्य और आवास की कीमतों, साथ ही बढ़ते आप्रवासन के मुद्दे पर निराशा देखी जा रही है. इन समस्याओं ने सरकार और पार्टी के प्रति लोगों की नाखुशी को जन्म दिया है, जिससे ट्रूडो को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा.

प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे

हालांकि ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन वह प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्य जारी रखेंगे. वह तब तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे जब तक पार्टी में उनका उत्तराधिकारी नहीं चुना जाता. इस फैसले से यह भी साफ है कि उनके जाने के बाद पार्टी को एक नई दिशा की आवश्यकता होगी, खासकर जब चुनावों में जीत हासिल करने की चुनौती सामने हो.

अब जब जस्टिन ट्रूडो ने पार्टी की कमान छोड़ दी है, तो यह देखना होगा कि पार्टी का अगला नेता किसे चुना जाएगा. आगामी चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी से मुकाबला करना एक बड़ा संकट होगा. लिबरल पार्टी को अब एक ऐसे नेता की तलाश है, जो जनता के बीच लोकप्रिय हो और पार्टी को फिर से एक मजबूत स्थिति में लाकर कंजर्वेटिव पार्टी को चुनौती दे सके.