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India Daily

'हम गजवा-ए-हिंद के लिए तैयार, भारत के खिलाफ जंग के लिए 50 लाख लड़ाके रेडी ', बांग्लादेश जमात के डिप्टी अमीर ताहिर ने उगला जहर

ताहिर ने अपने भाषण में 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, “कई लोग चेतावनी देते हैं कि यदि जमात सत्ता में आई, तो भारत हम पर हमला कर सकता है. मैं प्रार्थना करता हूं कि ऐसा हो यदि भारत हमला करता है, तो यह 1971 में हम पर थोपी गई बदनामी को मिटा देगा. यह हमें सच्चे स्वतंत्रता सेनानी के रूप में खुद को साबित करने का अवसर देगा.” 

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Jamaat deputy amir Taher
Courtesy: Jamaat deputy amir Taher

Amir Taher: न्यूयॉर्क में आयोजित एक स्वागत समारोह में जमात-ए-इस्लामी के उप अमीर ताहिर ने एक विवादास्पद बयान दिया. उन्होंने दावा किया कि उनकी संगठन के कम से कम 50 लाख युवा भारत के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम छेड़ने के लिए तैयार हैं. यह बयान न केवल क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाने वाला है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी चर्चा का विषय बन गया है. ताहिर के इस बयान ने भारत और पड़ोसी देशों के बीच संबंधों पर नए सवाल खड़े किए हैं.

1971 के इतिहास को दोहराने की बात

ताहिर ने अपने भाषण में 1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, “कई लोग चेतावनी देते हैं कि यदि जमात सत्ता में आई, तो भारत हम पर हमला कर सकता है. मैं प्रार्थना करता हूं कि ऐसा हो यदि भारत हमला करता है, तो यह 1971 में हम पर थोपी गई बदनामी को मिटा देगा. यह हमें सच्चे स्वतंत्रता सेनानी के रूप में खुद को साबित करने का अवसर देगा.” यह बयान 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के संदर्भ में दिया गया, जो ऐतिहासिक रूप से संवेदनशील मुद्दा रहा है.

क्षेत्रीय शांति पर खतरा

ताहिर का यह बयान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. उनके शब्दों ने न केवल भारत के साथ तनाव को बढ़ाने का काम किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी सतर्क कर दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान क्षेत्रीय सहयोग और कूटनीतिक संबंधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. 

भविष्य की आशंकाएं

इस बयान के बाद, यह सवाल उठता है कि क्या जमात की यह उग्र रणनीति वास्तव में उनके समर्थकों को एकजुट कर पाएगी या यह केवल क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ावा देगी. अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब इस घटनाक्रम पर नजदीकी नजर रख रहा है.