सीरिया के दक्षिणी क्षेत्र में एक और तनावपूर्ण घटना घटी, जब इजरायली सेना ने असद शासन की सैन्य चौकी में घुसकर तलाशी ली और फिर बफर जोन में वापस लौट आई. यह घटना दक्षिणी क़ुनैत्रा के अबू असा गांव में दर्ज की गई, जहां इजरायली बलों के एक काफिले को सीरियाई सैन्य चौकी में प्रवेश करते हुए देखा गया.
इजरायली सेना का सैन्य चौकी में प्रवेश
सीरिया के दक्षिणी क़ुनैत्रा क्षेत्र में इजरायली सेना के काफिले ने असद शासन की सैन्य चौकी में घुसकर तलाशी अभियान चलाया. सूत्रों के मुताबिक, इजरायली बलों ने सैन्य चौकी में कुछ समय बिताया और वहां से आवश्यक जानकारी हासिल की. इसके बाद, वे अपने मिशन को पूरा करने के बाद वापस बफर जोन की ओर लौट आए. बफर जोन वह क्षेत्र है जो सीरिया और इजरायल के बीच संघर्ष से बचने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित किया गया है.
WILD: CONVOY OF ISRAELI TANKS IN SYRIA
Southern Syria: Syrian sources document an Israeli convoy entering the village of Abu A’sa in southern Quneitra. Reports indicate that Israeli forces entered an Assad regime military outpost, conducted a search, and then returned to the… pic.twitter.com/O9ai7EYs3R— Open Source Intel (@Osint613) January 8, 2025Also Read
इजरायली सैन्य कार्रवाइयों का उद्देश्य
इजरायली सेना की सीरिया में ऐसी सैन्य कार्रवाइयों की घटनाएं नई नहीं हैं. इजराइल अक्सर सीरिया में ईरानी सैन्य गतिविधियों और शिया मिलिशिया समूहों पर हमला करता है, जो इजरायली सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं. सीरिया में असद शासन और उसके सहयोगियों के खिलाफ इजरायल की सैन्य रणनीति में समय-समय पर इस तरह के कार्रवाईयां देखने को मिलती हैं, ताकि वह अपनी सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखे.
सीरिया और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव
सीरिया और इजरायल के बीच तनाव एक लंबी और जटिल ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित है. इजरायल ने कई बार यह संकेत दिया है कि वह सीरिया के किसी भी क्षेत्र में ईरानी सैन्य उपस्थिति को बर्दाश्त नहीं करेगा, क्योंकि इजरायल का मानना है कि इससे उसकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है. हाल ही में, इस तरह की घटनाओं में इज्रायली सेना की बढ़ती गतिविधियां इस बात का संकेत हैं कि सीरिया के दक्षिणी हिस्से में स्थिति में और अधिक तनाव आ सकता है.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएं
सीरिया में इजरायली सैन्य कार्रवाइयों के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में प्रतिक्रिया मिलना निश्चित है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन अक्सर इस तरह की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हैं, क्योंकि ये क्षेत्रीय स्थिरता और शांति प्रक्रिया के लिए खतरे की घंटी हो सकती हैं. हालांकि, दोनों देशों के बीच शांति की कोई स्पष्ट संभावना अभी तक दिखाई नहीं देती, और ऐसी सैन्य कार्रवाइयाँ भविष्य में और बढ़ सकती हैं. यह घटना इजरायल और सीरिया के बीच तनावपूर्ण संबंधों का एक और उदाहरण है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति के लिए गंभीर प्रश्न खड़े करती है.