इजरायली हमलों से कांपा दक्षिणी लेबनान, कई इलाकों में बरसे बम

लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हुए.

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Gyanendra Sharma

नई दिल्ली: लेबनान की सीमावर्ती दक्षिणी पट्टी में तनाव फिर से चरम पर पहुंच गया है. इजरायली वायुसेना ने गुरुवार को कई शहरों पर भारी बमबारी की, जिसे इजरायल ने हिज्बुल्लाह के सैन्य ढांचे को नष्ट करने का प्रयास बताया.  ये हमले एक साल पुराने अमेरिकी मध्यस्थता वाले युद्धविराम के बावजूद हुए, जिसके तहत दोनों पक्षों को शत्रुता बंद करनी थी.  

लेबनानी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इन हमलों में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हुए.  संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना यूनिफिल ने इजरायल की कार्रवाई को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का स्पष्ट उल्लंघन करार दिया है. 

500 मीटर दूर हट जाएं...

इजरायली सेना के प्रवक्ता अविचाय अद्राई ने हमलों से ठीक पहले सोशल मीडिया पर चेतावनी जारी की.  उन्होंने तैयबा, तायर देब्बा (तायरे शहर के पूर्व में स्थित) और ऐता अल-जबल जैसे इलाकों के निवासियों को निर्देश दिया कि वे निशाने पर आने वाली आवासीय इमारतों से कम से कम 500 मीटर दूर हट जाएं.  अद्राई ने मानचित्र भी साझा किए, जिनमें लक्षित भवनों को चिह्नित किया गया था.  इजरायल का दावा है कि ये इमारतें हिज्बुल्लाह के राडवान फोर्स के हथियार भंडार और बुनियादी ढांचे के रूप में इस्तेमाल हो रही हैं. 

ये हमले हिज्बुल्लाह के एक खुले पत्र के महज कुछ घंटों बाद किए गए, जिसमें संगठन ने लेबनान सरकार से इजरायल के साथ किसी भी वार्ता से बचने की अपील की थी.  हिज्बुल्लाह ने खुद को युद्धविराम के प्रति प्रतिबद्ध बताया, लेकिन साथ ही 'इजरायली कब्जे' के खिलाफ प्रतिरोध का 'वैध अधिकार' दोहराया.  हमलों के बाद तायर देब्बा गांव में धुंआधार उठते दिखे, और स्थानीय मेयर फरीद नहनौह ने चिंता जताई कि स्थिति 'बहुत खतरनाक' हो चुकी है. 

युद्धविराम का क्या हुआ? 

नवंबर 2024 में लागू हुए इस युद्धविराम के तहत इजरायल को दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना वापस बुलानी थी, जबकि हिज्बुल्लाह को लितानी नदी के उत्तर में भारी हथियार हटाने थे.  लेकिन इजरायल ने आरोप लगाया है कि हिज्बुल्लाह ने इस दौरान अपनी सैन्य क्षमता को फिर से मजबूत करने की कोशिश की है.  इजरायली अधिकारियों का कहना है कि दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के 85% हथियार भंडारों को नष्ट कर दिया गया था, लेकिन संगठन अभी भी सक्रिय है.  दूसरी ओर, हिज्बुल्लाह ने इजरायल पर दैनिक हवाई हमलों का दोष मढ़ा, जो युद्धविराम के बाद भी जारी हैं. 

लेबनानी सेना ने दावा किया है कि उसने दक्षिण में हिज्बुल्लाह के अधिकांश स्थलों को साफ कर दिया है, लेकिन इजरायल सरकार ने लेबनान से हिज्बुल्लाह के पूर्ण निरस्त्रीकरण की मांग की है. विशेषज्ञों का मानना है कि ये हमले इजरायल का संदेश हैं अगर हिज्बुल्लाह नहीं रुका, तो कार्रवाई तेज हो जाएगी.