ईरान ने मंगलवार की देर रात इजराइल पर 150 से भी ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागते हुए हमला कर दिया था. इजरायली प्रधानमंत्री ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए बदला लेने की कसम खाई. हमले के बाद से ही इजरायली आईडीएफ ने लेबनान में अपनी कार्रवाई को तेज करक दिया है. इजराइल सीधे तौर पर ईरान के हमलों का जवाब नहीं दे रहा. दूसरी इजरायल, हमास व हिजबुल्लाह को बड़ी चोट पहुंचाकर ईरान से बदला लेने में लगा है.
इजराइल की सेना ने हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग के ऐलान को और भी ज्यादा तेज कर दिया हैा. IDF के ग्राउंड ऑपरेशन के दौरान लेबनान में अभी तक हिजबुल्लाह के 80 लड़ाके मारे गए और 150 से ज्यादा ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया गया है. इजराइल ने नसरल्लाह के दामाद को तो ढेर कर ही दिया है, बल्कि हिजबुल्लाह चीफ के उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन की मौत को लेकर भी दावेदारी कर रहा है.
हाशेम सफीद्दीन हिजबुल्लाह की एग्जीक्यूटिव काउंसिल का हेड है इसके साथ ही वह जिहाद काउंसिल का भी सदस्य है. दरअसल इजराइल ने अब हिजबुल्लाह चीफ के उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन की मौत का भी दावा करा है. वर्तमान में बेरूत पर किए हमले में हाशेम सफीद्दीन की मौत का जिक्र है. जबकि रॉयटर्स के स्थानीय सूत्रों का हवाले से जो सूचना मिली है उसके मुताबिक सफीद्दीन बच गया है. संगठन के राजनीतिक मुद्दों को संभालने का जिम्मा हाशेम के कंधो प रहै. हाशमें हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह का चचेरा भाई भी है. वह नसरल्लाह की तरह ही अपने सिर पर काला साफा बांधता है.
इजरायली सेना द्वारा सीरिया की राजधानी दमिश्क के करीब एक हवाई हमला किया गया. इसमें हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के दामाद हसन कासिर को ढेर करने की बात कही. क्योंकि संगठन में बड़े लीडर्स की इस समय सबसे ज्यादा जरूरत है. हसन की मौत संगठन के लिए एक बड़ा झटका है. इजरायली सेना ने एयरस्ट्राइक कर हसन को ढेर कर दिया था. इजरायल की हसन के परिवार से पुरानी दुश्मनी थी. साल 1982 में लेबनान वॉर के समय हसन का बड़ा भाई अहमद कासिर तायर इजरायल के बेस में विस्फोटक लदी कार लेकर पहुंचा था.