Israel Iran war: मध्य पूर्व देशों में बढ़ते तनाव के बीच एक वरिष्ठ ईरानी अधिकारी ने सनसनीखेज दावा किया है कि अगर इजरायल, ईरान पर परमाणु हमला करता है, तो पाकिस्तान इजरायल पर परमाणु जवाबी हमला करेगा. हालांकि, पाकिस्तान ने इस बयान का तुरंत खंडन किया है. यह घटनाक्रम क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा के लिए नए सवाल खड़े करता है.
ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य जनरल मोहसेन रेजाई ने ईरानी सरकारी टेलीविजन पर कहा, "पाकिस्तान ने हमें बताया है कि अगर इजरायल, ईरान पर परमाणु बम का उपयोग करता है, तो पाकिस्तान भी इजरायल पर परमाणु बम से हमला करेगा" यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान और इजरायल के बीच मिसाइल हमलों और युद्ध की धमकियों ने क्षेत्रीय तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है.
पाकिस्तान का खंडन
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस्लामाबाद ने ऐसी कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में चेतावनी दी कि इजरायल का अघोषित परमाणु शस्त्रागार उसे और आक्रामक बनाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष का खतरा बढ़ सकता है. आसिफ ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान ने परमाणु प्रतिशोध की किसी भी बात से इनकार किया है, लेकिन ईरान के साथ व्यापक टकराव में उसका समर्थन व्यक्त किया है.
मुस्लिम एकता का आह्वान
14 जून को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में बोलते हुए ख्वाजा आसिफ ने मुस्लिम देशों से इजरायल के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है. तुर्किये टुडे ने उन्हें उद्धृत करते हुए लिखा, "इजराइल ने ईरान, यमन और फिलिस्तीन को निशाना बनाया है. यदि मुस्लिम राष्ट्र अब एकजुट नहीं हुए, तो सभी को एक ही भाग्य का सामना करना पड़ेगा" उन्होंने इजरायल के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले मुस्लिम देशों से संबंध तोड़ने और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) से संयुक्त रणनीति बनाने की मांग की.
इजरायल और ईरान की परमाणु नीति
इजरायल परमाणु अस्पष्टता की नीति अपनाता है, न तो अपने परमाणु हथियारों की पुष्टि करता है और न ही इनकार। फिर भी, माना जाता है कि उसके पास एक मजबूत परमाणु शस्त्रागार है, जो प्रतिरोध और प्रति-प्रसार पर केंद्रित है. दूसरी ओर, ईरान दावा करता है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों, जैसे ऊर्जा और चिकित्सा अनुसंधान के लिए है. हालांकि, पश्चिमी देश और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने ईरान के यूरेनियम संवर्धन और बैलिस्टिक मिसाइल विकास पर सवाल उठाए हैं, जो इसके सैन्य आयामों की ओर इशारा करते हैं.