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India Daily

'हिजबुल्लाह या तो सरेंडर करे या तो युद्ध करे', इजरायल ने दे दी खुली धमकी, कहा नहीं रुकेगी जंग

Israel and Hezbollah: इजरायल ने हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग जारी रहने का ऐलान किया है. उसने अमेरिकी और यूरोपीय देशों द्वारा की गई 21 दिनों के युद्धविराम की बात को नजरअदांज कर दिया.

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Edited By: India Daily Live
Benjamin Netanyahu
Courtesy: Social Media

Israel and Hezbollah: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार के दो शीर्ष मंत्रियों ने गुरुवार को लेबनान में युद्ध विराम के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और हिजबुल्लाह के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की खुली धमकी दी.  

लेबनान में ईरान मर्थित हिजबुल्लाह पर इजरायल हवाई हमले कर रहे है. हवाई हमले से पहले इजरायल ने पेजर अटैक भी किया था. अब तक इसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. इन हमलों के बाद अमेरिकी, यूरोप समेत अन्य सहयोगियों ने लेबनान में लड़ाई को 21 दिनों के लिए रोकने का संयुक्त आह्वान किया था. लेकिन इजारयल ने युद्ध विराम की बात को खारिज करते हुए जंग जारी रहने का ऐलान किया. 

21 दिनों के युद्धविराम को किया नजरअंदाज

इजरायल दो मोर्चों पर युद्ध कर रहे हैं. एक ओर गाजा पट्टी में हमास से तो दूसरी ओर लेबनान में हिजबुल्लाह से. कई देशों द्वारा 21 दिनों के लिए किए गए अस्थाई युद्ध विराम को इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने नजरअंदाज करते हुए अपनी सेना को युद्ध लड़ते रहने का आदेश दिया है. 

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार ने लेबनानी सशस्त्र समूह हिज़्बुल्लाह के साथ इजरायल की लड़ाई में 21 दिनों के युद्धविराम के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों के दबाव का जवाब नहीं दिया है.

नेतन्याहू के कार्यालय से एक बयान में कहा गया, यह एक अमेरिकी-फ्रांसीसी प्रस्ताव है, जिस पर प्रधानमंत्री ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने सेना को पूरी ताकत से लड़ाई जारी रखने का आदेश दिया है.

फिलिस्तीन ने क्या कहा?

फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत इजरायल पर प्रतिबंध लगाने चाहिए. उन्होंने कहा कि यह अफसोसजनक है कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मसौदा प्रस्ताव को तीन बार बाधित किया, जिसमें इजरायल से युद्ध विराम का पालन करने की मांग की गई थी.

यह संयुक्त राज्य अमेरिका है, वही देश जो सुरक्षा परिषद में एकमात्र सदस्य था जिसने फिलिस्तीन राज्य को संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता देने के खिलाफ मतदान किया था. हम अमेरिका की नजर में सदस्यता के लायक नहीं हैं, इसलिए वे इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करते हैं.