Israel-Hamas Ceasefire: अब गाजा में बम नहीं बरसाएगा इजराइल! युद्ध विराम समझौता लागू होते घरों की ओर निकल पड़े फिलिस्तीनी शरणार्थी
हालांकि, इज़राइली सेना ने गाजा के लोगों को चेतावनी दी है कि शहर के कई इलाके नागरिकों के लिए बेहद खतरनाक बने हुए हैं. उसने कहा कि गाजा पट्टी में दक्षिण से उत्तर की ओर आवाजाही राशिद (तटीय) और सलाल अल-दीन मार्गों से की जा सकेगी.
Israel-Hamas Ceasefire: इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौता शुक्रवार दोपहर से प्रभावी हो गया है. इजरायली सेना ने इसकी जानकारी दी. इजरायली सेना ने कहा कि सेना के जवान वापस लौट रहे हैं. बता दें कि इज़रायल और हमास के बीच युद्ध विराम समझौता के तहत दोनों पक्षों ने हमलों को रोकने पर सहमति जताई है ताकि गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके और नागरिकों को राहत दी जा सके.
इजराइल की सेना ने एक्स पर किए गए एक पोस्ट में कहा कि "युद्धविराम समझौता दोपहर 12:00 बजे से प्रभावी हुआ. दोपहर 12 बजे से, आईडीएफ सैनिकों ने युद्धविराम समझौते और बंधकों की वापसी की तैयारी के लिए अद्यतन तैनाती लाइनों पर शुरू कर दी. दक्षिणी कमान में आईडीएफ सैनिक इस क्षेत्र में तैनात हैं और किसी भी तात्कालिक खतरे से निपटने के लिए काम करना जारी रखेंगे."
डोनाल्ड ट्रम्प की शांति योजना को मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटों बाद ही लागु हुआ युद्ध विराम समझौता
बता दें कि यह घटनाक्रम इजरायली कैबिनेट द्वारा गाजा पट्टी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की शांति योजना को मंजूरी दिए जाने के कुछ घंटों बाद हुआ, जिसमें बंधकों की रिहाई और फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली का समझौता भी शामिल है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के अनुसार गाजा में 20 बंधक जीवित हैं, जबकि 28 अन्य मृत हैं.
"गाजा शहर के कई इलाके नागरिकों के लिए बेहद खतरनाक"
वही युद्धविराम समझौता लागु होने के साथ ही हजारों विस्थापित फिलिस्तीनी उत्तरी गाजा की ओर अपने-अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं. हालांकि, इज़राइली सेना ने गाजा के लोगों को चेतावनी दी है कि शहर के कई इलाके नागरिकों के लिए बेहद खतरनाक बने हुए हैं. उसने कहा कि गाजा पट्टी में दक्षिण से उत्तर की ओर आवाजाही राशिद (तटीय) और सलाल अल-दीन मार्गों से की जा सकेगी. सेना ने लोगों को बेत हनून, बेत लाहिया, शुजाइया सहित उत्तरी क्षेत्रों तथा भारी सैन्य तैनाती वाले स्थानों से बचने की सलाह दी है.
और पढ़ें
- 'हमारा निर्णय केवल इस आधार पर...', नॉर्वे की समिति ने बताया ट्रंप को क्यों नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्कार
- कौन हैं छोटे से देश की बड़ी नेता मारिया कोरिना मचाडो जिन्होंने ट्रंप को पछाड़कर जीता शांति का नोबेल पुरस्कार, पूरी दुनिया हैरान!
- ट्रंप का सपना चकनाचूर, मारिया कोरिना मचाडो को मिला शांति का नोबेल पुरस्कार