'हमने नहीं रची ट्रंप की हत्या की साजिश', ईरान ने दे दिया आरोपों पर जवाब, कहा- सब झूठे हैं
Iran Reply on Trump Assassination Plot: मैनहट्टन में संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया गया है कि ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक अनाम अधिकारी ने पिछले सितंबर में एक व्यक्ति को ट्रम्प की निगरानी करने और उन्हें मारने की योजना बनाने का निर्देश दिया था.
Iran Reply on Trump Assassination Plot: हाल ही में एक ईरानी व्यक्ति पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगा है. इस पर ईरान ने शनिवार को अपना पक्ष रखते हुए इन आरोपों को सिरे से खारिज किया और इसे अमेरिका-ईरान संबंधों को और अधिक जटिल बनाने की कोशिश बताया.
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बगई ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं. उन्होंने इस रिपोर्ट को "पूरी तरह झूठी और बेबुनियाद" करार दिया. बगई ने यह भी कहा कि इस तरह के आरोप पहले भी ईरान पर लगाए गए हैं, जिन्हें हर बार निराधार साबित किया गया है.
ईरान ने आरोपों को बताया अफवाह
बगई के अनुसार, इस तरह की अफवाहें और आरोप "ईरान-विरोधी और यहूदी विरोधी सर्कल्स द्वारा रची गई एक सोची-समझी साजिश" हैं, ताकि अमेरिका और ईरान के बीच के संबंध और भी पेचीदा हो सकें. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ईरान का इन आरोपों से कोई लेना-देना नहीं है और वह इन आरोपों को पूरी तरह से नकारता है.
इससे पहले, शुक्रवार को अमेरिकी न्याय विभाग ने एक आपराधिक शिकायत जारी की थी, जिसमें ईरान की इस कथित साजिश को लेकर कुछ आपराधिक आरोप दर्ज किए गए थे. रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के अर्धसैनिक संगठन रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक अधिकारी ने सितंबर में ट्रंप की हत्या की योजना बनाने का आदेश दिया था.
अमेरिकी जांच में हुआ था बड़ा दावा
अमेरिकी जांच में शामिल दस्तावेजों के अनुसार, फरजाद शकेरी नाम के व्यक्ति पर ट्रंप की हत्या के लिए योजना तैयार करने का दबाव बनाया गया था. अगर वह सात दिनों के भीतर योजना बनाने में असफल रहता, तो ईरान ने योजना को स्थगित करने का फैसला किया था, यह मानते हुए कि आगामी चुनावों में ट्रंप की हार होने की स्थिति में इस कार्य को अंजाम देना आसान होगा.
इस मामले ने एक बार फिर ईरान और अमेरिका के बीच तनाव को हवा दी है, लेकिन ईरान का स्पष्ट कहना है कि ये आरोप मात्र एक "राजनीतिक साजिश" हैं और उनका इस कथित साजिश से कोई लेना-देना नहीं है.