पोखरा एयरपोर्ट घोटाले ने खोली चीन की पोल, नेपाल ने लिया एक्शन; चीनी कंपनी समेत 55 के खिलाफ केस दर्ज
नेपाल ने चीन की मदद से बने पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रोजेक्ट में 8.36 अरब नेपाली रुपये के कथित भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई शुरू की है. चीनी कंपनी समेत 55 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.
नई दिल्ली: नेपाल में चीन की मदद से बनाए गए पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. यह परियोजना अब देश के लिए आर्थिक बोझ बन चुकी है और इसी के चलते नेपाल की अंतरिम सरकार ने इस पर कड़ा एक्शन शुरू कर दिया है. सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार के आदेश पर नेपाल की भ्रष्टाचार निरोधक संस्था ने रविवार को इस घोटाले में शामिल 55 लोगों के खिलाफ विशेष अदालत में मामला दर्ज किया है.
इनमें चीन की निर्माण कंपनी भी शामिल है जिसे इस हवाई अड्डे को बनाने का ठेका दिया गया था. पोखरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण चीन की CAMC Engineering Company Limited द्वारा किया गया था. इस प्रोजेक्ट को जनवरी 2023 में शुरू किया गया था. हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस हवाई अड्डे को आज तक कोई नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान नहीं मिल पाई है. इस वजह से नेपाल पर भारी आर्थिक दबाव बढ़ रहा है.
किन-किन लोगों के नाम है शामिल?
रिपोर्ट के अनुसार चीन ने नेपाल को इस प्रोजेक्ट के लिए कम ब्याज पर लोन दिया था, लेकिन बाद में उस पर मनमानी दर से ब्याज वसूलने के आरोप भी सामने आए हैं. नेपाल की अख्तियार दुरुपयोग अनुसंधान आयोग ने बताया कि कुल 8.36 अरब नेपाली रुपये के दुरुपयोग के आरोप में पांच पूर्व मंत्रियों, दस पूर्व सचिवों और नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के कई वरिष्ठ अधिकारियों को नामजद किया गया है. आरोपपत्र में पूर्व मंत्री राम शरण महत, भीम प्रसाद आचार्य, दिवंगत पोस्ट बहादुर बोगटी, राम कुमार श्रेष्ठ और दीपक चंद्र अमात्य के नाम शामिल हैं.
इसके साथ ही सीएएएन के पूर्व निदेशक जनरल त्रि रत्न महर्जन, रतीश चंद्र लाल सुमन और वर्तमान महानिदेशक प्रदीप अधिकारी के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है.
यह परियोजना नेपाल के लिए क्यों है महत्वपूर्ण?
हवाई अड्डा पोखरा के मध्य में स्थित है और यह मशहूर अन्नपूर्णा सर्किट का प्रवेश द्वार माना जाता है. इस कारण यह परियोजना नेपाल के लिए बेहद महत्वाकांक्षी थी. लेकिन निर्माण में भारी गड़बड़ी, भ्रष्टाचार और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कमी ने इसे आर्थिक रूप से असफल परियोजना बना दिया है. अब नेपाल सरकार के एक्शन से साफ है कि इस पूरे मामले की गंभीरता को समझते हुए दोषियों को सजा दिलाने की प्रक्रिया तेज की जा रही है.