'बदलाव के लिए तैयार रहें...', डीके शिवकुमार के बयान से एक बार फिर बढ़ी सियासी हलचल
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से राज्य में संभावित बदलाव के लिए तैयार रहने को कहा है. यह बयान राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को फिर तेज कर रहा है.
बेंगलुरु: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने एक बार फिर राज्य में नेतृत्व बदलाव की अटकलों को तेज कर दिया है. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें आने वाले दिनों में 'बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए'. यह बयान उन्होंने हासन में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ मंच साझा करते हुए दिया. शिवकुमार के इस संकेत को पार्टी के भीतर चल रहे नेतृत्व विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है.
शिवकुमार और सिद्धारमैया ने पिछले चार दिनों में एक दूसरे के घर पर नाश्ते की मुलाकात की है. इन बैठकों को पार्टी हाईकमान द्वारा निर्देशित एक संयुक्त ताकत के प्रदर्शन के रूप में देखा गया. इसके बावजूद, दोनों नेताओं के बीच सत्ता परिवर्तन को लेकर तनाव लगातार चर्चा में बना हुआ है.
कार्यक्रम में शिवकुमार ने क्या कहा?
हासन के कार्यक्रम में शिवकुमार ने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य में बदलाव के लिए तैयार रहना चाहिए ताकि नई ताकत और नई दिशा मिल सके. उनके यह शब्द भले ही सीधे तौर पर कुछ न कहें, लेकिन उन्होंने मौजूदा नेतृत्व विवाद पर सियासी तापमान जरूर बढ़ा दिया है. उन्होंने आगे कहा कि जीवन स्थायी नहीं है, लेकिन हमारे द्वारा किया गया काम स्थायी होता है.
उन्होंने कहा कि भगवान न तो शाप देते हैं और न आशीर्वाद. वह केवल अवसर देते हैं और उन अवसरों का उपयोग कैसे किया जाए, यह हमारे हाथ में है.
क्या है पावर शेयरिंग समझौता?
शिवकुमार ने अपने बयान में यह भी कहा कि शब्दों का महत्व होता है और काम को हमेशा प्राथमिकता दी जानी चाहिए. यह टिप्पणी उस समय महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब नेतृत्व परिवर्तन को लेकर 2023 विधानसभा चुनावों के बाद हुए कथित पावर शेयरिंग समझौते की चर्चा फिर तेज हो गई है. माना जाता है कि इस समझौते के तहत दोनों नेताओं को ढाई ढाई साल की अवधि के लिए सत्ता चलानी थी और यह समय सीमा अक्टूबर में पूरी हो चुकी है.
पिछले कई महीनों से दोनों नेताओं के दिल्ली दौरों, बैठकों और प्रतीकात्मक संदेशों ने इस मुद्दे को लगातार जीवित रखा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे पहले ही कह चुके हैं कि पार्टी उच्च नेतृत्व दोनों नेताओं से बात कर अंतिम फैसला करेगा.
शिवकुमार ने अपने पोस्ट में क्या कहा?
इसी बीच, शिवकुमार ने 27 नवम्बर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि 'शब्द की ताकत दुनिया की ताकत है'. इसे नेतृत्व परिवर्तन के लिए हाईकमान को याद दिलाने के संकेत के रूप में देखा गया. इसके जवाब में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लिखा कि शब्द तभी ताकत बनते हैं जब वे जनता के जीवन को बेहतर बनाएं.
कार्यक्रम के दौरान सिद्धारमैया ने कहा कि वह कम वादा करते हैं लेकिन जो भी वादा करते हैं उसे पूरा करते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अपने वादों को सबसे अधिक पूरा किया है.
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