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अमेरिका में कैदी की तरह जी रहे लाखों भारतीय! भारत आने पर लग रहा डर, वजह जानकर 'दंग' रह जाएंगे आप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा की फीस बढ़ा दी थी. इसके बाद लाखों भारतीय अमेरिका में कैदी की तरह जीने को बेबस हैं और उन्हें भारत आने से भी डर लग रहा है.

Grok AI
Praveen Kumar Mishra

नई दिल्ली: अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों के लिए हालात मुश्किल हो गए हैं. ट्रंप प्रशासन की नई इमिग्रेशन नीतियों के चलते कई लोग विदेश यात्रा करने से डर रहे हैं. यहां तक कि घर के अंदर भी वे सतर्क रहते हैं. 

एक हालिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि कई प्रवासी अब लंबी दूरी की यात्रा से बच रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं वे इमिग्रेशन अधिकारियों की नजर में न आ जाएं. खासकर भारतीय एच-1बी वीजा धारक इस डर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

सख्त होते वीजा नियम और उनका असर

ट्रंप प्रशासन ने 2025 में एच-1बी वीजा पर कई नए प्रतिबंध लगाए हैं. नए आवेदनों के लिए भारी फीस लगाई गई है और सोशल मीडिया की जांच बढ़ा दी गई है. इससे वीजा इंटरव्यू की तारीखें महीनों पीछे खिसक गई हैं. 

कई भारतीय पेशेवर जो भारत आकर वीजा रिन्यू करवाना चाहते थे अब वहीं फंस गए हैं. कंपनियां जैसे गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों को सलाह दी है कि विदेश यात्रा न करें क्योंकि वापस आने में दिक्कत हो सकती है.

यात्रा करने से बच रहे हैं लोग

एक उदाहरण है टेक्सास में रहने वाली एक युवा आईटी प्रोफेशनल का. उन्होंने दो साल बाद परिवार से मिलने के लिए भारत आने का प्लान बनाया था लेकिन नई नियमों की खबरें सुनकर उन्होंने यात्रा रद्द कर दी. 

उनके पिता ने कहा कि भले ही वीजा वैध हो लेकिन अतिरिक्त जांच का खतरा ज्यादा है. ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जहां लोग परिवार से मिलने का मौका छोड़ रहे हैं.

सर्वेक्षण में सामने आई चिंताएं

कैसर फैमिली फाउंडेशन (KFF) और न्यूयॉर्क टाइम्स के 2025 के सर्वेक्षण के अनुसार अमेरिका में रहने वाले हर तीन में से एक प्रवासी ने यात्रा करने से परहेज किया है. 

यह डर इमिग्रेशन से जुड़ी आशंकाओं के कारण है. कानूनी रूप से रहने वाले प्रवासियों में भी यह संख्या काफी ऊंची है. यहां तक कि अमेरिकी नागरिक बने लोग भी विदेश यात्रा टाल रहे हैं.

छुट्टियों का मौसम और बढ़ता डर

अमेरिका में क्रिसमस और न्यू ईयर का समय यात्रा का पीक सीजन होता है. लाखों लोग सड़क और हवाई मार्ग से यात्रा करते हैं. लेकिन इस बार कई प्रवासी परिवार इस खुशी से दूर रह गए. 

सर्वेक्षण के एक विशेषज्ञ ने कहा कि टीएसए की नई डेटा साझेदारी से यात्रा से बचने की प्रवृत्ति और बढ़ेगी. कुछ रिपोर्ट्स में तो यह भी कहा गया है कि नागरिक बने लोग भी घरेलू यात्रा में पासपोर्ट साथ रख रहे हैं.