India-US Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए कड़े टैरिफ की दुनियाभर में आलोचना हो रही है. इस मुद्दे पर अब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और जेक सुलिवन के बाद रूढ़िवादी टिप्पणीकार बेन शापिरो ने भी भारत को रूसी तेल खरीद के लिए दबाव बनाने वाले ट्रंप प्रशासन के कदमों की कड़ी निंदा की है. ट्रंप के इस फैसले के पीछे कई राजनीतिक दावे और साजिशें बताई जा रही हैं, लेकिन अमेरिकी राजनेता और विशेषज्ञ ट्रंप के इस आकलन को पूरी तरह खारिज कर रहे हैं.
एक पॉडकास्ट में अपनी राय रखते हुए बेन शापिरो ने चेतावनी दी कि अगर भारत, ईरान, चीन और रूस एक मजबूत गठबंधन बनाते हैं, तो अमेरिका को गंभीर भू-राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ सकता है. शापिरो ने साफ़ शब्दों में कहा, "ईरान, भारत, रूस और चीन, सभी एससीओ में थे. इस तरह का अमेरिका-विरोधी गठबंधन पूर्व में चीन से पश्चिम में तुर्की तक एक विशाल भू-सेतु है. यह एक गंभीर भू-राजनीतिक मुद्दा है."उन्होंने ट्रंप के सलाहकार के उस दावे का खुलकर मजाक उड़ाया कि अमेरिका भारत और रूस के बीच संबंधों को तोड़ सकता है, इसे 'मूर्खतापूर्ण' करार देते हुए खारिज किया.
"We do more military exercises with India than we do with NATO. If you see India move into China's camp, then that will upend the geopolitical order," says conservative commentator Ben Shapiro pic.twitter.com/E5nU9njYgL
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) September 3, 2025
पीटर नवारो की बातों के विपरीत काम करेंगे, तो अच्छा करेंगे
अमेरिकी व्यापार सलाहकार पीटर नवारो के भारत-विरोधी बयानों पर टिप्पणी करते हुए शापिरो ने कहा, "अगर आप पीटर नवारो की बातों के विपरीत काम करेंगे, तो आप अच्छा करेंगे." शापिरो ने आगे जोर देकर कहा कि अमेरिका नाटो के मुकाबले भारत के साथ अधिक सैन्य अभ्यास करता है. उन्होंने चिंता जताई, "अगर आप भारत को चीन के खेमे में जाते हुए देखते हैं, तो इससे भू-राजनीतिक व्यवस्था उलट जाएगी." शापिरो का यह बयान ट्रंप प्रशासन की नीतियों पर सवाल उठाता है, जो भारत को अमेरिकी हितों के लिए महत्वपूर्ण सहयोगी मानते हैं.
भारत की कूटनीतिक कुशलता की सराहना
अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रमुख विश्लेषक मार्को पापिक ने अमेरिकी टैरिफ से निपटने के भारत के सधे हुए दृष्टिकोण की खुली तारीफ़ की है. पापिक का मानना है कि भारत ने अमेरिका के साथ वार्ताओं में बुद्धिमत्ता का परिचय दिया है, और ऑस्ट्रेलिया जैसे सहयोगी देशों को भारत से सबक लेने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका को साफ संदेश दे रहा है कि वैश्विक पटल पर कोई भी देश किसी का ऋणी नहीं है. एक इंटरव्यू में पापिक ने जोर दिया, "अगर वह रणनीतिक साझेदारी चाहता है, तो उसे भारत के साथ मिलकर काम करना होगा."पापिक के अनुसार, भारत की यह रणनीति न केवल आर्थिक हितों की रक्षा करती है, बल्कि वैश्विक संतुलन को भी मजबूत बनाती है. ट्रंप के टैरिफ फैसले के बावजूद भारत ने रूसी तेल खरीद जारी रखी है, जो ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देता है.
नवारो के विवादास्पद बयानों ने भड़काया विवाद
ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को वित्तपोषित करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने इस संघर्ष को 'मोदी का युद्ध' तक करार दिया, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी बहस छेड़ रहा है. इस बीच, राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध उत्कृष्ट हैं, लेकिन दशकों से ये रिश्ते मुख्य रूप से एकतरफा साबित हुए हैं. नवारो के बयान ट्रंप प्रशासन की आंतरिक असहमति को उजागर करते हैं, जबकि भारत ने दोहरे मापदंडों की आलोचना की है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को लंबे समय तक प्रभावित कर सकता है.