menu-icon
India Daily

भारत में गरीबी का गिरा विकेट, अमेरिकी थिंक टैंक की रिपोर्ट में खुलासा 

USA Brookings Report: अमेरिकी थिंक टैंक ब्रूकिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत अत्यधिक गंभीर गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकल चुका है.

India Daily Live
Edited By: India Daily Live
Poverty

USA Brookings Report: भारत में लोग लगातार अमीर हो रहे हैं. देश ने दशकों पुरानी अत्यधिक गरीबी की बीमारी से निजात पा ली है. यह हम नहीं बल्कि अमेरिकी थिंक टैंक कह रहा है. अमेरिकन थिंक टैंक में काम करने वाले अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला और करन भासिन ने हाल ही में अपनी संयुक्त टिप्पणी में कहा कि भारत से 'अत्यधिक गंभीर गरीबी' खत्म हो चुकी है. अर्थशास्त्रियों ने इसके लिए साल 2022-23 के उपभोग व्यय डेटा का हवाला दिया.  

हाल ही में लिखी गई अपनी टिप्प्णी में दोनों अर्थशास्त्रियों ने इस तथ्य पर जोर दिया कि भारत में पहले की तुलना में गरीबी में बड़ी गिरावट आई है. अर्थशास्त्रियों ने बताया कि साल 2011 के बाद प्रति व्यक्ति खपत में 2.9 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में 3.1 फीसदी की  चौंकाने वाले वृद्धि हुई है. वहीं, शहरी विकास दर 2.6 फीसदी रही है. 

डेटा का हवाला देते हुए दोनों अर्थशास्त्रियों ने कहा कि इस समयावधि में शहरी और ग्रामीण असमानता में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. आय की असमानता के मापक गिनी सूचकांक के मुताबिक, शहरी असमानता में 36.7 फीसदी से खिसककर 31.9 फीसदी पर आ गई और ग्रामीण असमानता 28.7 फीसदी से 27.0 फीसदी पर आ गई है. 

अर्थशास्त्रियों ने तर्क दिया कि असमानता में भारी गिरावट और आय में वृद्धि की वजह से लोगों की क्रय शक्ति में अभूतपूर्व उछाल आया है.  इस वजह से भारत में अत्यधिक गरीबी की श्रेणी को खत्म करने में काफी मदद हासिल हुई है. हेडकाउंट गरीबी अनुपात (एचसीआर), गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली आबादी का अनुपात, 2011-12 में 12.2 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 2 फीसदी पर आ गया है.  रिपोर्ट में बताया गया कि इस दौरान ग्रामीण गरीबी 2.5 फीसदी पर रही. वहीं, शहरी गरीबी में 1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.