India Pakistan News: भारत ने शनिवार को न्यूयॉर्क में यूएन महासभा की बहस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ को कश्मीर मुद्दे पर करारा जवाब दिया. युक्त राष्ट्र महासभा UNGA के 79वें सत्र में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव भाविका मंगलनंदन ने कहा कि सेना द्वारा संचालित एक देश जो आतंकवाद फैलाने के लिए कुख्यात है.उसने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया है
मंगलनंदन ने कहा कि आज सुबह इस सभा में दुखद रूप से एक हास्यास्पद घटना घटी. उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के भारत के खिलाफ दिए गए भाषण के संदर्भ में बोल रही हूं. जैसा कि दुनिया जानती है पाकिस्तान ने लंबे समय से अपने पड़ोसियों के खिलाफ़ सीमा पार आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.
Watch: India exercises its Right of Reply at the 79th session of the @UN General Assembly debate.@DrSJaishankar @MEAIndia pic.twitter.com/c6g4HAKTBg
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) September 28, 2024
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय संसद, मुंबई की वित्तीय राजधानी, बाजारों और तीर्थ स्थलों पर हमले किए हैं. ऐसे देश के लिए कहीं भी हिंसा के बारे में बात करना सबसे बड़ा पाखंड है. यह असाधारण है कि एक देश जिसकी चुनावी प्रक्रिया में धांधली की लंबी परंपरा है लोकतंत्र में राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करे. उन्होंने आगे कहा कि सच्चाई यह है कि पाकिस्तान हमारी भूमि को हड़पना चाहता है और उसने जम्मू और कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए आतंकवाद का उपयोग किया है.
इससे पहले शुक्रवार को पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर अपनी सैन्य क्षमताओं के विस्तार का आरोप लगाया था और पाकिस्तान-आधारित कश्मीर को हड़पने के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) के पार जाने की धमकी दी.इसके अलावा उन्होंने जम्मू कश्मीर से अनुच्छे 370 हटाने की भी मांग की. उन्होंने भारत पर अपने मुस्लिम जनसंख्या का दमन करने का आरोप लगाया.
पाकिस्तान हर साल UN महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाता है. शरीफ ने यूएन में कहा कि जैसे कि फिलिस्तीन के लोग जम्मू और कश्मीर के लोग सौ वर्षों से अपनी स्वतंत्रता और आत्म-निर्धारण के अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं. शरीफ ने आर्टिकल 370 के निरसन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को एकतरफा और अवैध कदम वापस लेना चाहिए ताकि स्थायी शांति सुनिश्चित हो सके. हालांकि पाक को हर बार वैश्विक मंचों पर मुंह की खानी पड़ी है.