नई दिल्ली: भारत और चीन ने सीमा नियंत्रण को लेकर सक्रिय बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई है. दोनों देशों के बीच हाल ही में सीमा विवाद पर बातचीत हुई जिसमें पश्चिमी सीमा क्षेत्र में नियंत्रण और प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गई. चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं ने सीमा नियंत्रण से जुड़े मुद्दों पर गहन और सक्रिय संवाद किया है.
चीनी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, 'दोनों पक्षों ने सैन्य और कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से संवाद बनाए रखने पर सहमति जताई है.' यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव में कुछ नरमी दिखाई दे रही है. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है.
पिछले पांच वर्षों में भारत और चीन के संबंधों में गलवान घाटी की झड़प के बाद से ठंडापन देखने को मिला था. हालांकि अब दोनों देश धीरे-धीरे संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. इस वर्ष दोनों देशों ने आपसी संवाद को फिर से शुरू किया है और व्यापारिक एवं कूटनीतिक रिश्तों को मजबूत करने की कोशिशें तेज की हैं.
अमेरिका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन पर लगाए जा रहे नए व्यापारिक प्रतिबंधों और चेतावनियों के बीच बीजिंग अब अपने एशियाई पड़ोसियों के साथ रिश्ते सुधारने पर ध्यान दे रहा है. बीते सप्ताह भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों की बहाली ने दोनों देशों के रिश्तों में एक नया अध्याय जोड़ा है. इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट कोलकाता से चीन के ग्वांगझू के लिए रवाना हुई, जो इस दिशा में पहला कदम था.
नई दिल्ली में चीनी दूतावास ने इस बहाली को द्विपक्षीय रिश्तों में 'महत्वपूर्ण मील का पत्थर' बताया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस वर्ष लंबे समय बाद चीन का दौरा किया. उन्होंने तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में भाग लिया और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच बैठक में आपसी संबंधों को और गहराने पर सहमति बनी. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बैठक के दौरान कहा कि भारत और चीन को 'ड्रैगन और एलिफेंट' की तरह एक साथ आगे बढ़ना चाहिए. यह बयान दोनों देशों के बीच नई शुरुआत का संकेत माना जा रहा है.