नई दिल्ली: वॉशिंगटन से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हगसेथ ने मंगलवार को खुलासा किया कि अमेरिकी सेना ने पूर्वी प्रशांत महासागर में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाली नौकाओं पर हवाई हमले किए हैं.
सोमवार को हुए इन हमलों में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति जीवित बचा है. यह अभियान अमेरिका की समुद्री सुरक्षा नीति में एक बड़ा और तेज कदम माना जा रहा है.
अमेरिकी रक्षा मंत्री हगसेथ के अनुसार, सोमवार को पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में तीन संदिग्ध नौकाओं पर निशाना साधा गया. ये नौकाएं लंबे समय से मादक पदार्थों की तस्करी के लिए जानी जाती थीं. हगसेथ ने बताया कि यह अभियान कई हफ्तों की निगरानी के बाद चलाया गया और इसका उद्देश्य तस्करी नेटवर्क को जड़ से खत्म करना था.
पीट हगसेथ ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि सितंबर में शुरू हुई यह समुद्री कार्रवाई अब तेज हो गई है. पहले ये हमले कई सप्ताह के अंतराल पर किए जा रहे थे, लेकिन सोमवार को पहली बार एक ही दिन में तीन अलग-अलग हमले किए गए. हगसेथ ने इसे 'मिशन की नई गति' बताया.
Yesterday, at the direction of President Trump, the Department of War carried out three lethal kinetic strikes on four vessels operated by Designated Terrorist Organizations (DTO) trafficking narcotics in the Eastern Pacific.
— Secretary of War Pete Hegseth (@SecWar) October 28, 2025
The four vessels were known by our intelligence… pic.twitter.com/UhoFlZ3jPG
हमले के बाद केवल एक व्यक्ति जीवित पाया गया, जिसे मेक्सिको के खोज और बचाव अधिकारियों ने अपने नियंत्रण में लिया है. अमेरिकी पक्ष ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या उस व्यक्ति को मेक्सिको में ही रखा जाएगा या अमेरिका के हवाले किया जाएगा. अधिकारी फिलहाल उसकी पहचान और भूमिका की जांच कर रहे हैं.
अक्टूबर की शुरुआत में हुई एक अलग घटना में अमेरिकी नौसेना ने दो लोगों को बचाया था. वे भी मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ी नौकाओं से थे. उन्हें बाद में क्रमशः कोलंबिया और इक्वाडोर भेज दिया गया था. यह दर्शाता है कि अमेरिका अब मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ क्षेत्रीय सहयोग पर जोर दे रहा है.
अमेरिका के रक्षा विभाग का मानना है कि प्रशांत महासागर के रास्ते मादक पदार्थों की तस्करी पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है. इसीलिए अब अमेरिकी नौसेना ने इन इलाकों में निगरानी और कार्रवाई दोनों बढ़ा दी हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, यह अभियान आने वाले महीनों में और व्यापक हो सकता है.