नई दिल्ली: पाकिस्तान की राजनीति में इस समय सबसे बड़ा नाम इमरान खान एक अभूतपूर्व कानूनी संकट से गुजर रहा है. कभी देश को विश्व कप जिताने वाले कप्तान और बाद में प्रधानमंत्री बने इमरान खान अब जेल की सलाखों के पीछे हैं.
अदालतों से एक के बाद एक सजाएं मिलने से उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. ताजा फैसले ने न सिर्फ उनकी रिहाई की उम्मीदों को झटका दिया है, बल्कि पाकिस्तान की राजनीति में भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
शनिवार को पाकिस्तान की एक अदालत ने इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना-2 भ्रष्टाचार मामले में 17-17 साल की जेल की सजा सुनाई. यह मामला 2021 में सऊदी सरकार से मिले सरकारी उपहारों में कथित गड़बड़ी से जुड़ा है. अदालत ने इसे गंभीर आर्थिक अपराध मानते हुए कड़ा फैसला सुनाया. इस सजा के साथ ही इमरान खान की कुल सजा 62 साल तक पहुंच गई है, जो किसी भी पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के लिए अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
इमरान खान पर इस समय कुल 189 मुकदमे दर्ज हैं. तोशाखाना-1 मामले में उन्हें पहले ही 10 साल की सजा मिल चुकी है. इसके अलावा अल-कादिर ट्रस्ट केस में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई. वहीं, बुशरा बीबी से शादी से जुड़े इद्दत मामले में उन्हें सात साल की सजा मिली थी. अब तोशाखाना-2 केस ने कानूनी संकट को और गहरा कर दिया है.
73 वर्षीय इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं. लगातार आ रहे अदालती फैसलों के बाद उनके जल्द रिहा होने की संभावना लगभग खत्म होती दिख रही है. इसके अलावा 9 मई 2023 की हिंसा से जुड़े मामलों में भी उन पर कार्रवाई की आशंका बनी हुई है. कानूनी जानकारों का मानना है कि अगर नए मामलों में दोष सिद्ध हुआ, तो उनकी सजा और बढ़ सकती है.
इमरान खान ने 1992 में पाकिस्तान को पहला क्रिकेट विश्व कप जिताया और देश के सबसे लोकप्रिय चेहरों में शामिल हुए. राजनीति में उतरकर उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) बनाई और 2018 में सत्ता तक पहुंचे. हालांकि अप्रैल 2022 में संसद में बहुमत साबित न कर पाने के कारण उनकी सरकार गिर गई. इसके बाद से उनके खिलाफ मामलों की संख्या तेजी से बढ़ती चली गई.
इमरान खान की गिरफ्तारी और सजाओं का असर उनकी पार्टी PTI पर भी साफ दिख रहा है. पार्टी के कई नेता या तो जेल में हैं या राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे हैं. इमरान खान और PTI सभी मामलों को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं, लेकिन मौजूदा हालात में पार्टी का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है. समर्थक न्याय की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जबकि पाकिस्तान की राजनीति एक नए मोड़ पर खड़ी दिखाई दे रही है.