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'हमला हुआ तो घुसकर मारेंगे', जयशंकर की पाकिस्तान को चेतावनी

जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई के बारे में भी विस्तार से बात की और बताया कि भारत चीन द्वारा पाकिस्तान को दिए जा रहे समर्थन को किस तरह देखता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि मुद्दा वास्तव में आतंकवाद का है पाकिस्तान का नहीं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
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Courtesy: Social Media

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ निलंबन समाप्त होने से पहले भारत को अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर पहुंचने की उम्मीद है. अमेरिका ने 2 अप्रैल को भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ की घोषणा की, जिसमें 90 दिनों की विराम अवधि है जिसे 9 जुलाई को हटा दिया जाएगा.

फ्रांसीसी दैनिक ली फिगारो के साथ एक साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा, पारस्परिक टैरिफ का खतरा 2 अप्रैल को उठाया गया था, लेकिन हमने पहले ही व्यापार समझौते के लिए द्विपक्षीय वार्ता शुरू कर दी थी. फरवरी में डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की मेजबानी की थी और वे एक दूसरे के बाजारों तक पहुंच बढ़ाने पर सहमत हुए थे. हमें उम्मीद है कि 9 जुलाई को टैरिफ निलंबन समाप्त होने से पहले हम किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे, उन्होंने कहा, जब उनसे वाशिंगटन द्वारा नई दिल्ली को 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी और ट्रंप प्रशासन के साथ संबंधों के बारे में पूछा गया.

अमेरिका को लेकर क्या कहा? 

जयशंकर ने कहा, एक चौथाई सदी से भी ज़्यादा समय से पांच अमेरिकी राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में अमेरिका के साथ हमारे संबंध लगातार मज़बूत हुए हैं. संरचनात्मक ताकतें - आर्थिक, तकनीकी, शैक्षिक, वैज्ञानिक, रणनीतिक, सैन्य - इस रिश्ते को आगे बढ़ा रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत के नज़रिए से हम देखते हैं कि अमेरिका बाकी दुनिया के साथ अपने तात्कालिक स्वार्थ के अनुरूप काम कर रहा है.  

अधिकारियों के अनुसार, प्रस्तावित बीटीए के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत के लिए एक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत में है और 10 जून को वार्ता समाप्त होगी. यह तब हुआ जब पिछले सप्ताह व्हाइट हाउस ने कहा था कि अमेरिका ने देशों से बुधवार तक व्यापार वार्ता पर अपने सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव देने को कहा है, क्योंकि पारस्परिक टैरिफ के लिए 8 जुलाई की समय सीमा सिर्फ पांच सप्ताह दूर है.

जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई के बारे में भी विस्तार से बात की और बताया कि भारत चीन द्वारा पाकिस्तान को दिए जा रहे समर्थन को किस तरह देखता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि मुद्दा वास्तव में आतंकवाद का है पाकिस्तान का नहीं. उन्होंने कहा, यह भारत-पाकिस्तान का मुद्दा बन गया है क्योंकि पाकिस्तान आतंकवादियों (लश्कर-ए-तैयबा) को पनाह देता है और उनका समर्थन करता है. संघर्ष भारत और आतंकवाद के बीच है, किसी खास देश के साथ नहीं.

हमला हुआ तो मारेंगे

उन्होंने कहा , सबसे हालिया हमला जम्मू -कश्मीर (22 अप्रैल) में हुआ था, लेकिन अन्य हमले अन्य जगहों पर भी हुए हैं, जैसे 2008 के मुंबई हमले. यह कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के साथ कोई विवाद नहीं है - हम आतंकवाद के प्रति बिल्कुल भी सहन नहीं करते हैं. अगर आतंकवादी भारत पर हमला करते हैं, तो हम उन्हें पाकिस्तान सहित जहां भी वे हों, वहां पर मार गिराएंगे.

पाकिस्तान को चीन के समर्थन के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, "उनके बीच दशकों से घनिष्ठ संबंध रहे हैं. लेकिन आतंकवाद जैसे मुद्दे पर आप अस्पष्टता या दोहरे मापदंड बर्दाश्त नहीं कर सकते. आखिरकार, यह एक ऐसी समस्या है जिससे हम सभी चिंतित हैं.

चीन के साथ भारत के संबंधों के भविष्य पर जिसमें हाल के दिनों में सीमा समझौते और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के साथ कुछ नरमी देखी गई है, जयशंकर ने कहा, हमारी दोनों शक्तियां तेज़ी से बढ़ रही हैं, इसलिए संतुलन पाना एक जटिल प्रक्रिया है. हिमालय में 2020 के सैन्य टकराव के बाद से हमारे संबंध एक कठिन दौर से गुज़रे हैं. हमारे कई आदान-प्रदान निलंबित कर दिए गए थे.