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India Daily

'आई लव यू ट्रम्प', गाज़ा में फिलिस्तीनियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति पर क्यों लुटाया प्यार?

गाजा में अमेरिका समर्थित 'गाजा मानवतावादी फाउंडेशन' (जीएचएफ) की सहायता पहुंचने से स्थानीय फिलिस्तीनियों में खुशी की लहर दौड़ गई. अमेरिका से मदद आने पर लोगों ने उत्साह में नारे लगाए.

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Edited By: Garima Singh
I love you Trump
Courtesy: x

I love you Trump: गाजा में अमेरिका समर्थित 'गाजा मानवतावादी फाउंडेशन' (जीएचएफ) की सहायता पहुंचने से स्थानीय फिलिस्तीनियों में खुशी की लहर दौड़ गई. अमेरिका से मदद आने पर लोगों ने उत्साह में नारे लगाए, "आई लव यू ट्रम्प" और "आई लव यू डोनाल्ड." व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इस उत्साह को दर्शाने वाला एक वीडियो शेयर किया, जिसमें गाजा की सड़कों पर जयकारे और उत्सव के दृश्य दिखाई दे रहे हैं. हालांकि, यह सहायता कई महीनों की देरी के बाद पहुंची, जब संयुक्त राष्ट्र ने बार-बार गाजा में अकाल के खतरे की चेतावनी दी थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में शांति और बंधकों की रिहाई के लिए इजरायल से हमास के साथ समझौता करने का आग्रह किया. ट्रुथ सोशल पर अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, "गाजा में समझौता करें. बंधकों को वापस लाएं!!!" दूसरी ओर, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान में युद्धविराम को "अवसरों की शुरुआत" बताया. उन्होंने शिन बेट सुरक्षा केंद्र के दौरे के दौरान कहा, "मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि जैसा कि आप शायद जानते हैं, इस जीत के बाद अब कई अवसर खुल गए हैं."  

सबसे पहले बंधकों को छुड़ाना होगा: नेतन्याहू

नेतन्याहू ने बंधकों की रिहाई को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा, "सबसे पहले बंधकों को छुड़ाना होगा. बेशक हमें गाजा मुद्दे को भी सुलझाना होगा, हमास को हराना होगा, लेकिन मेरा अनुमान है कि हम दोनों ही कामों में सफल होंगे." 7 अक्टूबर, 2023 के हमास हमले में अपहृत लगभग 50 इजरायली बंधक अभी भी गाजा में हैं. एक अधिकारी ने कहा, "बंधकों के परिवार इस बात का स्वागत करते हैं कि 20 महीने बाद, बंधकों की वापसी को आखिरकार प्रधानमंत्री द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में नामित किया गया है."

संयुक्त राष्ट्र की जीएचएफ पर आलोचना

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जीएचएफ के अभियानों को "स्वाभाविक रूप से असुरक्षित" करार देते हुए इसकी कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा, "कोई भी अभियान जो हताश नागरिकों को सैन्यीकृत क्षेत्रों में ले जाता है, वह स्वाभाविक रूप से असुरक्षित है. इससे लोगों की जान जा रही है." गुटेरेस ने जीएचएफ के वितरण मॉडल पर सहायता के सैन्यीकरण और विस्थापन को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने आगे कहा, "लोग केवल अपना और अपने परिवार का पेट भरने की कोशिश में मारे जा रहे हैं. भोजन की तलाश कभी भी मौत की सजा नहीं होनी चाहिए." 

संयुक्त राष्ट्र का सहयोग से इनकार 

संयुक्त राष्ट्र ने जीएचएफ के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है और इसकी तटस्थता पर सवाल उठाए हैं. गुटेरेस ने गाजा में युद्धविराम के लिए "राजनीतिक साहस" की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले मानवीय प्रयासों का "गला घोंटा जा रहा है." सहायता कर्मियों की भूख और मृत्यु की खबरें भी सामने आ रही हैं. गाजा में शांति और मानवीय सहायता की दिशा में यह नया कदम कितना प्रभावी होगा, यह समय ही बताएगा.