ब्रिटेन की संसद ने हाल ही में 'Terminally Ill Adults (End of Life)' नामक एक ऐतिहासिक बिल को पारित किया है, जो गंभीर रूप से बीमार वयस्कों को जीवन के अंतिम चरण में मेडिकल सहायता से मृत्यु का विकल्प प्रदान करेगा. इस बिल के पारित होने से ब्रिटेन में उन लोगों के लिए नई उम्मीद की किरण उत्पन्न हुई है, जो जीवन के अंत में अत्यधिक दर्द और कष्ट झेल रहे हैं. इस कानून का उद्देश्य उन व्यक्तियों को सम्मानजनक और दर्द रहित मृत्यु की अनुमति देना है, जो खुद को निराशाजनक स्थिति में पाते हैं और अब और नहीं जीना चाहते.
बिल का उद्देश्य
बिल में सुरक्षा उपाय
ब्रिटेन की संसद द्वारा पारित किए गए इस बिल में कई सुरक्षा उपाय और कानूनी प्रावधान रखे गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यक्ति बिना पूरी समझ के और स्वतंत्र रूप से दबाव में आकर इस विकल्प का चयन न करे.
कौन मांग सकेंगे इच्छा मृत्यु
इस बिल के तहत केवल उन लोगों को इच्छा मृत्यु दी जाएगी जिनके पास मेडिकल परामर्श के अनुसार जीने के लिए केवल 6 महीने बचे हैं. इसके अलावा, यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वैच्छिक होगी और इसमें मरीज की सहमति के बिना कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.
चिकित्सक की मंजूरी: इस प्रक्रिया को पूरा करने से पहले दो स्वतंत्र चिकित्सकों द्वारा मरीज की स्थिति की जांच की जाएगी.
प्रत्येक मरीज का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण: यह सुनिश्चित करने के लिए कि मरीज मानसिक रूप से सक्षम है और कोई दबाव या मानसिक भ्रम की स्थिति में नहीं है, उनका मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा.
समय सीमा: मरीज को इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए एक निश्चित समय सीमा दी जाएगी, ताकि उन्हें अंतिम निर्णय लेने में पूरी तरह से समय और सोचने का अवसर मिल सके.
कानून का ऐतिहासिक महत्व
ब्रिटेन में इस तरह के कानून का पारित होना ऐतिहासिक है क्योंकि यह वर्षों से चल रहे बहस और विरोध के बावजूद अंततः मंजूरी पा गया है. इस बिल का समर्थन करने वालों का कहना है कि यह उन लोगों के लिए एक मानवीय विकल्प प्रदान करता है, जो असहनीय दर्द से गुजर रहे हैं और अब और नहीं जीना चाहते.
हालांकि, इस बिल का विरोध करने वाले समूहों का कहना है कि इस तरह का कानून समाज में गलत संदेश भेज सकता है और यह कमजोर और असहाय लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि उन्हें इस विकल्प के लिए सामाजिक या मानसिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है.