गाजा और इजरायल के बीच हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. हाल ही में घोषित युद्धविराम समझौते पर सहमति न बनने के बाद, इजरायल ने गाजा पर भारी बमबारी की, जिसमें 32 लोगों की मौत हो गई है. यह घटनाक्रम तब हुआ, जब दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता की प्रक्रिया चल रही थी.
युद्धविराम पर बातचीत विफल
नेतन्याहू ने यह भी स्पष्ट किया कि समझौते को लागू करने की कोई तारीख तय नहीं की जाएगी, जब तक मध्यस्थ यह सुनिश्चित नहीं करते कि हमास सभी शर्तों को स्वीकार कर चुका है.
32 की मौत, दर्जनों घायल
इजरायली बमबारी के चलते गाजा में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. चिकित्सकों ने बताया कि इस ताजा हमले में 32 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं. इस घटना ने वहां के नागरिकों के लिए भारी संकट उत्पन्न कर दिया है.
BREAKING: Heavy Israeli bombardment in Gaza after the announcement of a ceasefire deal has killed at least 32 people, medics reported.https://t.co/pS4xOmzuXg
— Sky News (@SkyNews) January 16, 2025
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वित्त मंत्री की चेतावनी
इजरायली वित्त मंत्री बेजालेल स्मोट्रिच ने युद्धविराम समझौते को "खतरनाक" करार देते हुए इसके संभावित प्रभावों पर चिंता जताई है. उनका कहना है कि यह समझौता युद्ध में हासिल की गई कई महत्वपूर्ण उपलब्धियों को कमजोर कर सकता है.
स्मोट्रिच ने ट्वीट कर लिखा, "हमें बंधकों को वापस लाने की इच्छा और इस समझौते के भारी परिणामों के डर के बीच संतुलन बनाना होगा." उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर विभाजन से बचें और राज्य की सुरक्षा को प्राथमिकता दें.
सार्वजनिक मतभेद और सुरक्षा चिंताएं
समझौते को लेकर इजरायल के भीतर मतभेद दिखाई दे रहे हैं. कुछ लोग बंधकों की वापसी को प्राथमिकता दे रहे हैं, जबकि कुछ लोग मानते हैं कि यह सौदा सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक खतरा पैदा कर सकता है. गाजा पर भारी बमबारी और बातचीत में गतिरोध ने इस जटिल स्थिति को और अधिक गंभीर बना दिया है.