Postal Service Crisis: ट्रंप के नए नियम से ठप हुई डाक, भारत के साथ-साथ इन देशों ने भी रोकी अमेरिकी डाक सेवा, देखें लिस्ट

अमेरिका के नए टैरिफ नियमों के कारण जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत और स्पेन सहित कई देशों ने डाक और पार्सल सेवाओं को निलंबित कर दिया है. इंडिया पोस्ट ने भी वस्तुओं की मेल सेवा रोक दी है. इससे अमेरिका में ग्राहकों को देरी, महंगे शिपिंग शुल्क और सीमित विकल्पों का सामना करना पड़ेगा.

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Km Jaya

Postal Service Crisis: अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के नए टैरिफ नियमों का असर अब वैश्विक डाक सेवाओं पर भी दिखने लगा है. जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत और स्पेन समेत कई देशों ने अमेरिका के लिए पार्सल और डाक सेवाओं को आंशिक या पूर्ण रूप से निलंबित कर दिया है. यह कदम उस समय उठाया गया जब अमेरिका ने 800 डॉलर से कम मूल्य वाले आयातित पैकेजों को मिल रही पुरानी कर छूट समाप्त कर दी.

डोनाल्ड ट्रंप ने इस बदलाव को अवैध दवाओं और प्रतिबंधित सामानों की रोकथाम के लिए लागू करने की बात कही थी. हालांकि अंतरराष्ट्रीय डाक ऑपरेटरों और ई-कॉमर्स कंपनियों का कहना है कि अचानक आए इस फैसले ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है. नियमों की तकनीकी जानकारी अमेरिकी कस्टम और बॉर्डर प्रोटेक्शन ने केवल 15 अगस्त को साझा की, जिससे पोस्टल सर्विसेज को तैयारी के लिए दो सप्ताह से भी कम समय मिला.

किन देशों ने रोकी सेवा

जर्मनी: डॉयचे पोस्ट और DHL पार्सल ने शनिवार से सभी बिजनेस पार्सल रोक दिए हैं. हालांकि DHL एक्सप्रेस सेवा जारी रहेगी.

फ्रांस: ला पोस्ट ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो सेवा पूरी तरह बंद करनी पड़ेगी.

ब्रिटेन: रॉयल मेल अगले सप्ताह थोड़े समय के लिए सेवाएं रोककर नया सिस्टम लागू करेगा.

बेल्जियम: bpost ने शनिवार से सामान की शिपमेंट बंद कर दी. केवल पत्र, दस्तावेज और 100 डॉलर तक की छूट वाले सामान भेजे जा सकेंगे.

स्पेन: Correos ने सोमवार से 800 डॉलर तक के पैकेज स्वीकार करना बंद कर दिया.

भारत: इंडिया पोस्ट ने सोमवार से वस्तुओं की मेल सेवा निलंबित कर दी. हालांकि पत्र, दस्तावेज और 100 डॉलर तक के उपहार अब भी भेजे जा सकते हैं.

ग्राहकों पर असर

इन फैसलों का सीधा असर अमेरिका में रहने वाले ग्राहकों पर पड़ा है. अब उन्हें कम शिपिंग विकल्प मिलेंगे, डिलीवरी में देरी होगी और अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ेगा. पहले  $800 तक के पैकेज शुल्क मुक्त आते थे, लेकिन अब नियमों के तहत तीन स्तर तय किए गए हैं. जिन देशों पर अमेरिका का टैरिफ 15% से कम है, उनके पैकेज पर 80 डॉलर अतिरिक्त शुल्क लगेगा. 16–25% टैरिफ वाले देशों पर 160 डॉलर और 25% से ज्यादा टैरिफ वाले देशों से आने वाले पैकेज पर 200 डॉलर तक का शुल्क लगाया जाएगा.

भेजने से पहले शुल्क अग्रिम भुगतान 

साथ ही, अब पैकेज भेजने से पहले शुल्क अग्रिम भुगतान करना होगा. इससे अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स की लागत बढ़ेगी और छोटे व्यापारियों पर भारी असर पड़ेगा. भले ही पत्र, दस्तावेज और 100 डॉलर तक के गिफ्ट छूट में हों, लेकिन उन पर भी कड़ी जांच की जाएगी ताकि नियमों का दुरुपयोग न हो सके.