तुर्की में आया 6.2 तीव्रता का भूकंप, इस्तांबुल में हजारों लोगों से खाली करवाईं गई इमारतें

तुर्की में आए भूकंप से तत्काल किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन भूकंप के कारण शहर में हलचल मचने के कारण लोगों ने इमारतों को खाली कर दिया है.

Imran Khan claims
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तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में 6.2 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया है. इस घटना की जानकारी तुर्की आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दी है. जो 16 मिलियन की आबादी वाले इस शहर में हाल के सालों में आए सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है. तत्काल किसी नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन भूकंप के कारण लोगों ने इमारतों को खाली कर दिया, क्योंकि बोस्फोरसं जलडमरूमध्य के यूरोपीय और एशियाई तटों पर स्थित शहर में भूकंप आया था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि भूकंप का केंद्र, जो 12:49 बजे (0949 GMT) आया, इस्तांबुल से पश्चिम में लगभग 80 किमी (50 मील) दूर सिलिवरी क्षेत्र में था.यह 6.92 किमी (4.3 मील) की गहराई पर था.

कोई बड़ा नुकसान नहीं, लेकिन सतर्कता बरकरार

फिलहाल, भूकंप से किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं है. हालांकि, TGRT ब्रॉडकास्टर ने बताया कि एक व्यक्ति ने भूकंप के दौरान बालकनी से कूदकर खुद को घायल कर लिया. “हम क्षेत्र में लोगों से क्षतिग्रस्त इमारतों में प्रवेश न करने की अपील करते हैं.” AFAD ने चेतावनी जारी करते हुए कहा,'' भूकंप के कारण बोस्फोरस जलडमरूमध्य के यूरोपीय और एशियाई किनारों पर बसे इस शहर में कई इमारतें हिलीं, जिससे लोग दहशत में सड़कों पर आ गए.

जानिए तुर्की में भूकंप का कैसा है इतिहास?

तुर्की भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, जहां नॉर्थ और ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट सिस्टम सक्रिय हैं, साल 1999 में 7.4 तीव्रता के भूकंप ने 17,000 से अधिक लोगों की जान ली थी. इधर, जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने इस भूकंप की तीव्रता 6.02 मापी. विशेषज्ञों का कहना है कि इस्तांबुल जैसे घनी आबादी वाले शहर में भूकंप प्रतिरोधी इमारतों की जरूरत है.

जनजीवन पर प्रभाव और सावधानी

भूकंप के समय तुर्की में सार्वजनिक अवकाश था, जिसके कारण कई लोग घरों में थे. दहशत के मारे लोग सड़कों पर निकल आए, और कुछ क्षेत्रों में यातायात जाम हो गया. एक स्थानीय अधिकारी ने कहा ,“हमारी टीमें क्षति का आकलन कर रही हैं, और लोगों से शांत रहने की अपील की जाती है. फिलहाल, सुरक्षा बलों और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर नजर रख रही हैं.
 

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