अंतरिक्ष से आ रही है मौत, दशकों बाद बदल जाएगी मैग्नेट स्टॉर्म से धरती!

Science News: अमेरिका की एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक एजेंसी ने धरती पर सौर तूफान आने की चेतावनी दी है. इस तूफान के कारण धरती का संचार नेटवर्क पूरू तरह से प्रभावित हो सकता है.

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Science News: अमेरिका की प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसी ने धरती पर विनाश की चेतावनी दे डाली है.एजेंसी के मुताबिक, धरती पर भू-चुंबकीय तूफान आने वाला है. दो दशक के इतिहास में यह पहली बार है जब इस तरह की चेतावनी है जिसमें धरती के विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स के प्रभावित होने की बात कही गई है. अमेरिका की वैज्ञानिक एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन NOAA ने यह अलर्ट जारी किया है.

अमेरिकी एजेंसी ने बताया है कि सौर तूफान से जीपीएस उपकरण भी बाधित हो सकते हैं. एजेंसी का अंतरिक्ष मौसम पूर्वानुमान केंद्र (SWPC) की एक डिवीजन 8 मई से शुरू हुई कोरोनल मास इजेक्शन (CME)  की निगरानी कर रही है. SWPC ने अपने बयान में कहा कि स्पेस से भू-चुंबकीय तूफान वॉच जारी किया है. यह चेतावनी शुक्रवार 10 मई तक जारी रही. हालांकि इस सौर विस्फोट के कारण भू-चुंबकीय तूफान की स्थिति पूरे हफ्ते तक बनी रह सकती है. 

रिपोर्ट के अनुसार, 8 मई के बाद सौर ज्वालाएं पहली बार देखी गई थीं. इसके बाद एजेंसी ने सतर्कता बढ़ा दी थी. सूर्य बेहद विशाल है और पर कई धब्बे हैं. इन धब्बों को सनस्पॉट कहा जाता है.एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि बुधवार सुबह पांच बजे सनस्पॉट मजबूत हुई और सौर ज्वालाएं बड़ी मात्रा में निकली. सूर्य से निकले तूफानों से कोई खतरा न हो इसलिए बड़े पैमाने पर इसकी निगरानी की जा रही है. 

सौर तूफान के कारण एजेंसी ने बयान जारी करते हुए कहा कि उसे जब इस शक्तिशाली तूफान के बारे में जानकारी हुई तब उसने गंभीर श्रेणी की चेतावनी जारी की है. एजेंसी ने इस वॉर्निंग को जी4 यानी जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म के रूप में विभाजित किया है. इस वॉर्निंग में पावर ग्रिड, संचार नेटवर्क, और सैटेलाइट सहित कई इलेक्ट्रानिक प्रोडक्ट्स के लिए जोखिम होता है. एजेंसी ने अपनी चेतावनी में कहा है कि यह तूफान नेविगेशन, संचार, सैटेलाइट संचालन और रेडियो को प्रभावित कर सकता है.