निर्वासित ईरानी विपक्षी नेता रजा पहलवी ने पश्चिमी देशों से आग्रह किया है कि वे इस्लामिक गणराज्य के साथ नई वार्ता शुरू करने से बचें. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी कूटनीति केवल सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के शासन को लंबा खींचेगी, जो अब ढहने के कगार पर है.
वार्ता से शासन को मिलेगा बल: पहलवी
सोमवार को एएफपी से बातचीत में, ईरान के अपदस्थ शाह के बेटे और निर्वासन में विपक्ष की प्रमुख आवाज रजा पहलवी ने कहा, "पश्चिम को अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरानी शासन को वार्ता के जरिए सहारा नहीं देना चाहिए, जब उसका शासन 'हर दिन करीब' समाप्ति की ओर बढ़ रहा है." उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ईरान में बढ़ते असंतोष का समर्थन करने की अपील की. उन्होंने आगे कहा, "यह शासन ढह रहा है... आप इस बार ईरानी जनता के साथ खड़े होकर इसे आसान कर सकते हैं, न कि इस शासन को जीवित रखने के लिए एक और सहारा देकर."
शासन का अंत निकट: पहलवी का दावा
कुछ दिन पहले पहलवी ने दावा किया था कि इस्लामिक गणराज्य भीतर से टूट रहा है और राष्ट्रीय मुक्ति का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि शासन की कमान और नियंत्रण संरचनाएं तेजी से विघटित हो रही हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस्लामिक गणराज्य के बिना भविष्य को स्वीकार करना शुरू कर दिया है.
ईरान-इजरायल युद्ध का पृष्ठभूमि
सोमवार को इजरायल ने तेहरान पर हमला किया, जबकि ईरान ने मिसाइलें दागीं. यह युद्ध 11वें दिन तक जारी रहा, जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर बमबारी की थी. इजरायली रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज ने कहा, "इजरायल ने तेहरान के केंद्र में शासन के ठिकानों और सरकारी दमन एजेंसियों पर अभूतपूर्व हमले किए." उन्होंने बताया कि लक्ष्यों में कुख्यात इविन जेल शामिल थी, जहां राजनीतिक कैदी और विदेशी बंदी रखे जाते हैं.