US Tariff on China: ट्रंप की टैरिफ चाल से ड्रैगन धराशायी, भारत बनेगा 'सोने की चिड़िया'! जानें कैसे पूरा होगा ‘मेड इन इंडिया’ का सपना
US Tariff on China: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार युद्ध का असर भले ही पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़े, लेकिन भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है. अमेरिका ने चीन के उत्पादों पर 100 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है.
US Tariff on China: डोनाल्ड ट्रंप की नई व्यापार नीति ने एक बार फिर वैश्विक बाजार में हलचल मचा दी है. अमेरिका ने 1 नवंबर 2025 से चीन के सामान पर 100 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे कुल शुल्क 130 फीसदी तक पहुंच जाएगा.
यह कदम चीन द्वारा ‘रेयर अर्थ एक्सपोर्ट्स’ पर नियंत्रण लगाने के जवाब में उठाया गया है. लेकिन इस खींचतान के बीच अमेरिकी बाजार में चीन की जगह लेने का भारत के लिए एक बड़ा अवसर उभरता दिख रहा है.
अमेरिकी टैरिफ नीति से भारत को नया अवसर
अमेरिका द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ से चीन के उत्पाद अब अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे. विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्थिति में भारतीय सामान सस्ते और प्रतिस्पर्धी साबित हो सकते हैं. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (FIEO) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन का कहना है कि अमेरिका के इस फैसले से भारत को स्पष्ट रूप से फायदा होगा. उन्होंने बताया कि 2024-25 में भारत का अमेरिका को निर्यात 86 अरब डॉलर के स्तर पर था, जो अब और बढ़ सकता है.
टेक्सटाइल और टॉय इंडस्ट्री को मिलेगा सीधा फायदा
भारत की टेक्सटाइल और खिलौना उद्योग इस बदलाव से सबसे अधिक लाभ उठा सकती हैं. एक प्रमुख टेक्सटाइल निर्यातक ने कहा, 'अमेरिका में चीन से आने वाले माल पर 100% अतिरिक्त शुल्क लगने से हमारे उत्पादों को वहां की दुकानों में अधिक जगह मिलेगी.' वहीं, टॉय एक्सपोर्टर मनु गुप्ता का कहना है कि 'अब अमेरिकी रिटेलर जैसे Target हमसे सीधे संपर्क कर रहे हैं. यह हमारे लिए बड़ा अवसर है क्योंकि उच्च ड्यूटी से अब ‘लेवल प्लेइंग फील्ड’ बन गई है.'
चीन पर निर्भरता घटाने की कोशिश में अमेरिका
इलेक्ट्रॉनिक्स, फुटवियर, सोलर पैनल्स और टेक्सटाइल्स जैसे क्षेत्रों में अमेरिका लंबे समय से चीन पर निर्भर रहा है, लेकिन अब वाशिंगटन स्पष्ट संकेत दे रहा है कि वह इस निर्भरता को कम करना चाहता है. थिंक टैंक GTRI की रिपोर्ट के मुताबिक, इस व्यापार युद्ध से ग्लोबल मार्केट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सेमीकंडक्टर पार्ट्स और विंड टर्बाइनों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि भारत के लिए यह वही मौका है, जब वह 'मेड इन इंडिया' को दुनिया के सबसे बड़े बाजार में स्थापित कर सकता है.
भारत-अमेरिका व्यापार साझेदारी का भविष्य
अमेरिका लगातार चौथे साल भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बना हुआ है. 2024-25 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब डॉलर रहा, जिसमें से 86.5 अरब डॉलर भारत के निर्यात का हिस्सा था. अमेरिका भारत के कुल माल निर्यात का लगभग 18 प्रतिशत हिस्सा है. दोनों देश एक व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जिससे आने वाले वर्षों में भारत-अमेरिका आर्थिक रिश्ते और गहराने की उम्मीद है.
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध भले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती लेकर आया हो, लेकिन भारत जैसे उभरते निर्यातकों के लिए यह एक सुनहरा मौका है. अब यह भारत की नीति और उद्योग जगत पर निर्भर करेगा कि वे इस अवसर को कितनी दूर तक भुना पाते हैं- क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के दरवाजे इस वक्त भारत के लिए खुले हैं.
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