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India Daily

डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका रुकने का किया अनुरोध, पीएम मोदी ने किया इनकार

कनाडा से लौटते समय ट्रंप ने पीएम मोदी से अमेरिका में रुकने का अनुरोध किया, ताकि दोनों नेता आमने-सामने कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा कर सकें. लेकिन पीएम मोदी ने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Modi trump
Courtesy: Social Media

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर बात की.यह फोन कॉल 35 मिनट तक चला. बातचीत के दौरान ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिका आने का न्यौता दिया, जिसे पीएम ने अस्वीकार कर दिया. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इसकी जानकारी दी है. बातचीत के दौरान PM मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी.

जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी हाल ही में कनाडा की यात्रा पर थे. इस यात्रा को विदेश मंत्रालय ने सार्थक करार दिया है, जिसमें पीएम मोदी ने कनाडा के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की और भारत-कनाडा संबंधों को नई दिशा देने पर सहमति जताई. कनाडा से लौटते समय ट्रंप ने पीएम मोदी से अमेरिका में रुकने का अनुरोध किया, ताकि दोनों नेता आमने-सामने कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा कर सकें. लेकिन पीएम मोदी ने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.

क्रोएशिया रवाना हुए पीएम मोदी

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि पीएम मोदी कनाडा से सीधे क्रोएशिया रवाना हो गए हैं, जो उनकी तीन देशों की यात्रा का अंतिम पड़ाव है. क्रोएशिया में पीएम मोदी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर जोर देंगे. इस व्यस्त कार्यक्रम के चलते पीएम मोदी अमेरिका में रुकने में असमर्थ रहे.

फोन वार्ता में क्या हुई चर्चा?

विदेश सचिव के अनुसार, ट्रंप और मोदी के बीच फोन पर हुई 35 मिनट की बातचीत में कई वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ. इनमें पश्चिम एशिया में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव, भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी, व्यापार, रक्षा सहयोग, और जलवायु परिवर्तन जैसे विषय शामिल थे. दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और आपसी हितों पर आधारित है.

ट्रंप ने हाल ही में पश्चिम एशिया में ईरान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और वह इजरायल के सैन्य अभियानों का समर्थन कर रहे हैं. दूसरी ओर भारत ने इस क्षेत्र में शांति और संवाद की वकालत की है. माना जा रहा है कि इस फोन वार्ता में पीएम मोदी ने क्षेत्रीय स्थिरता पर भारत का रुख स्पष्ट किया और तनाव कम करने की जरूरत पर बल दिया.