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India Daily

यूरोप के किस देश की PM ने नेतन्याहू को बताया समस्या? यूरोपियन यूनियन से बैन करने की मांग

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने डेनिश दैनिक जाइलैंड्स-पोस्टेन से कहा, "नेतन्याहू अब अपने आप में एक समस्या हैं." उन्होंने इज़राइली सरकार पर "ज़्यादा" आगे बढ़ने का आरोप लगाया साथ ही कहा कि गाजा में "बेहद भयावह और विनाशकारी" मानवीय संकट बढ़ रहा है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Mette Frederiksen with Benjamin Netanyahu
Courtesy: X

डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसन ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को "स्वयं में एक समस्या" करार दिया है. डेनमार्क, जोकि वर्तमान में यूरोपीय संघ (ईयू) की अध्यक्षता कर रहा है, उसने गाजा में चल रहे युद्ध और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में नई बस्तियों के निर्माण को लेकर इजरायल पर तीखी आलोचना की है. फ्रेडरिकसन ने डेनिश दैनिक समाचार पत्र *ज्यालैंड्स-पोस्टेन* से बातचीत में कहा, "नेतन्याहू अब स्वयं में एक समस्या बन गए हैं." उन्होंने इजरायली सरकार पर गाजा में मानवीय संकट को "पूरी तरह भयावह और विनाशकारी" बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने अपनी कार्रवाइयों में "हद पार कर दी है."

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के दक्षिणी इजरायल पर हमले के बाद शुरू हुए युद्ध ने भारी तबाही मचाई है. इस हमले में इजरायली आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर, एएफपी की गणना के अनुसार, 1,219 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश नागरिक थे. इसके जवाब में, इजरायल की सैन्य कार्रवाई ने गाजा में 61,430 से अधिक फलस्तीनियों की जान ले ली, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, जिसे संयुक्त राष्ट्र विश्वसनीय मानता है. फ्रेडरिकसन ने गाजा में मानवीय स्थिति और वेस्ट बैंक में नई बस्तियों के निर्माण की कड़ी निंदा की.

यूरोपीय संघ में दबाव बढ़ाने की रणनीति

केंद्र-दक्षिणपंथी नेता फ्रेडरिकसन ने कहा कि डेनमार्क यूरोपीय संघ के भीतर इजरायल पर दबाव बढ़ाने के पक्ष में है, हालांकि अन्य सदस्य देशों का समर्थन अभी तक मिला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, "हम किसी भी विकल्प को पहले से खारिज नहीं कर रहे हैं. रूस के साथ की तरह, हम उन प्रतिबंधों को डिजाइन कर रहे हैं, जहां हमें लगता है कि उनका सबसे अधिक प्रभाव होगा." डेनमार्क की सरकार बस्ती बनाने वालों, मंत्रियों, या पूरे इजरायल पर राजनीतिक दबाव और प्रतिबंधों के लिए तैयार है, जिसमें कारोबार या रिसर्च बैन भी शामिल हो सकते हैं.

फलस्तीन को मान्यता पर डेनमार्क की क्या है स्थिति!

हालांकि, डेनमार्क ने अभी तक उन यूरोपीय संघ के देशों के साथ शामिल नहीं हुआ है, जिन्होंने फलस्तीनी राज्य को आधिकारिक रूप से मान्यता दी है, लेकिन फ्रेडरिकसन का यह बयान इजरायल के प्रति उनकी कठोर नीति को दिखाता है.